सामान्य मनोविज्ञान को रूप-रेखा | Shamany Manovigyan Ki Rup-Rekha

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Shamany Manovigyan Ki Rup-Rekha by राज राजेश्वरी प्रसाद सिन्हा - Raaj Raajeshwari Prasad Sinha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ढ ) आशा है, मनोविज्ञान के छात्र तो इससे लामाजित होंगे ही साथ साथ दर्ध ज्षास्त्र के विद्यायियोँ के लिए भा यह पुस्तक अत्यन्त ही उपयोगी होगी । विसिपल रामदयालु {सह शोकेन सुजपफरपुर (विहार विश्वविद्यालय) एम० ए० (पटना) सामाम मनोविज्ञान को रूप रेखा मुझे आद्योपाम्त पढने का अवसर मिला! पढने पर मुझे ऐसा लगा कि यदि हमारे दशन शाध्त्र के छात्र भी हसे वर तो उन्हें काफी लाध होगा । इस पुस्तक में मनोविशान के क्षेत्र में किये गये नवीनतम प्रयोगों का भी उल्लेख जमा किमा है। भाषा भौर वाठव सामग्री दोनों ही दब्टिकोय से यह पुस्तक श्र ष्ठ है । समस्त भारत में यह पुस्तक अपनी प्रतिष्ठा प्राप्त करेगी ऐसा मेरा ध्रव विश्वास है । আমিন प्रोफेतर दशन विभाग लगदसिह कालेज मुजफ्फरपुर एम० ए (पटना) परी एच डी (डरहम) कै इस पुस्तक के प्रणयन-फाल मे हौ सूस दवकी प्रतिलिपि को पढने का सौभाग्य आप्त हुआ था। मूझे गह देखकर प्रसन्नता हुई कि इसके लेखकों ने भेरे सुझावों का उपयाग यथास्थान इस पुस्तक में किया है। यो तो सामान्य मनौविज्ञान' पर बहुत सी पुस्‍्तक लिखी गय्री है परन्तु सामान्य मनोविज्ञान की रूप रेखा पठन से मैं इस निष्फप पर पहुवा कि अत्यम्त ही सरल भाषा में प्रयोगात्मक दृष्टिकोण व गमी यह पुस्तक आई ए० तथा उच्च वर्गों के छात्रों के लिए भो उपयोगों होगी । मैं इन लेखको को उनकी इस सफलता पर हादिक बधाई दवा हू । कदरे ऑफोसर अंभोकिमाद विधा खगद सिंह कॉलेज पुजप्फरपुर হম ए (परया)




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