अनघ | Anagh
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
140
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न
चार
मघ~-
अनघ
मानो न ओर प्रमाद +
यह आज की है याद ।
टै बगैं जिनका सन्य ঃ
अनुचित उन्हे है देन्य
यह है उन््हीकी रीति
मेट अधम्म, अनीति ।
ठहरो; चर्रू में श्राप;
लेकर तुम्हारा पाप--+
यह जन हुआ म्रियमाण $
भरसक कर मै त्राण ।
अवसर नही अब ओर ,
অভ है कहीं इस ठोर ए
होता यहाँ यदि नीर
तो कृषि न हाती वीर !
ই জীব बस, वे स्तूप ;
तो मे खनू्गा करूप ।
मेरा वदी व्यायाम ;
जिससे कि हो कुछ काम ।
( मूच्छित जन को सावधानी से
उठाकर मघ का प्रस्थान )
तोसरा षोर- टटा हदा ! यह हाथ !
নীপা লী
मेरा उसीके साथ !
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