अफ्रीका जागा | Africa Jaaga
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
224
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जन्म ओर श्ेदाव
दिन, मेरे जन्म के सवध मे कोई खास उत्सुकता या दिलचस्पी नही दिखाई ।
लेकिन, जसा कि मुझे बाद मे बताया गया, प्रसूति-गृह में अवश्य काफी
हलचल थी । मैं पैदा तो हो गया, परतु जीवन का कोई चिह्न मुझमे दिखाई
नही दे रहा था--न रोना, न सास लेना, यहातक कि माताजी ने तो मुझे
मुर्दा समझकर छुट्टी ही पा ली थी | माताजी का ऐसा आचरण उनकी
ऋरता नही, पीढियो के वद्धमूल सस्कार ही थे । ऐसा विश्वास किया जाता
हैं कि अकान जाति की माता यदि अपनी सतान की मृत्यु का शोक करती
हैं तो वध्या हो जाती हैं और एक अफ्रीकी नारी के लिए इससे वडा दुख
और दुर्भाग्य दूसरा नही होता ।
परतु मेरे नाते-रिदते की दूसरी ओौरते इतनी आसानी से हार मानने-
वाली नहीं थी । वे श्राइ-समारोह को छोड सौरी में आ जुटी । उन्होने
निश्चय कर लिया था कि मुझमें प्राण-सचार करके ही रहेगी । वे जोर-जोर
से झाझ-मजीरे वजाने और थालिया पीटने लगी, साथ ही मुझे हिलाती-
डुलाती, उलटती-पछटती और झकझोरती भी जाती थी । इतने से उन्हें
सतोप न हुआ तो एक ने मेरे मुह में केला ठूस दिया कि कम-से-कम खासू
और सास तो लेने लूगू । अत मे उन्हे सफलता मिली । मैं रोने और हाथ-
पाव पटकने लगा और उन्होने मुझ शनिवासरीय वच्चे को मेरी चिता-
तुर माताजी के हाथो मे थमाकर अपना काम ओर कर्तव्य पूरा किया ।
अकानो मे सप्ताह के उस दिन को वडा महत्त्व दिया जाता है, जिस दिन
वच्चे का जन्म होता हैं, क्योकि सप्ताह के दिन के ही अनुसार जन्म लेने-
वाले बच्चे की देवी आत्मा (उसके गह-नक्षत्र और राणि) का निर्धारण
होता ह । अकानो में प्रचलित विश्वास के अनुसार एक मनुष्य की तीन
आत्माए होती है--पहली, रबत की आत्मा अथवा 'मोयगा', नारी के द्वारा
प्रदान वी जाती हैं और यही आत्मा उसके कवीले की पर्याय होती है,
दूसरी आत्मा एन्टोरो' कहलाती है, जो पुरुष के द्वारा प्रदान की जाती
है, और तीसरी 'ओोना' अथवा देवी आत्मा होती हैं। ओक़ा' के सवध में
किसी प्रकार की नूल न होने पाणे, इसलिए सप्ताह के जिस दिन बच्चा जन्म
नेताह, उन दिनि कै लिए निदिप्ट एक विशिष्ट नाम उस बच्चे का रख
दिया जाता है। इसके अनुसार रविवार को जन्म लेनेवाला लडका वबवेनी'
करलाता है. सोमवार को जन्म देनेवादा कोजों और शनिवार को पैदा
शोनेदाला पदामे । बच्छो के जन्म से सवधित अधविश्वास तो और भी
कर हैँ । उदाहस्थार्द, पतला बच्चा छपेक्षाइव दाम प्रतिमावान्य्र, तीसरा
इठन एक सुधार ব परे, नवा घन जौर दसवा अगुभ माना जाता है । ও
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