आधुनिक काव्य रचना और विचार | Adhunik Kavya Rachna Aur Vichar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
218
श्रेणी :
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No Information available about आचार्य नंददुलारे वाजपेयी - acharya nanddulare vajpayi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ १५ ]
विशेषताएँ है जो जीवन के स्थूल यथाथे से मेल नही खाती । साहित्य
मे श्याम ओर (कृष्णः चिर-सुदर भ्रंकरितं किए जाते है, कलाओ में उनके
चित्र भी वैसे ही मिलते है, पर जीवन में तो वे वैसे नही रहे होंगे ।
साहित्य की अतिशयोवितयाँ, इन्द्रधनुप-सी, जीवन के स्थल, श्रकाल्पनिक
और रूखे अस्तित्व को मनोरम बना देती है। साहित्य में मनुष्य का
जीवन ही नहीं, जीवन की वे कामनाएँ जो अनंत जीवन से भी पूरी
नही हो सकती, निहित रहती है । जीवन यदि मनुष्यता की अभिव्यक्ति
है, तो साहित्य मे उस अभिव्यक्ति की आशा-उत्कंठा भी सम्मिलित है ।
जीवन यदि सम्पूर्णता से रहित है, तो साहित्य उसके सहित है; तभी तो
उसका नाम साहित्य है। तभी तो साहित्य जीवन से अधिक सारवान
और परिपूर्ण है तथा जीवन का नियामक और मार्गद्रष्टा भी रहता
आया है ।
{ सन् १६३१}
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