देश देशके लोग | Desh Deshake Loga

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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देड़ा देग़के लोग १ देश देदके लोग सभी आदमी एक जेसे --बिलकुल एक जेसे होते तो क्या होता ? सबकी एक ही तरहकी नाकें एक ही तरहकी आँखें एक जैसा रंग एक जैसे कपड़े खाना-पीना खेलना वगैरह सब एक जेस्ा ही होता तो हम एक दूसरेसे उकता गये होते । हम एक दूसरेसे अछग हैं इसीठिए हमें एक दूसरेके विषयमें जाननेकी और एक दूसरेका परिचय पानेकी इच्छा रहती है । अपने देशका ही विचार करें तो हमें मादम पड़ जायगा कि यहाँ रहनेवाठे आदमी एक दूसरेसे कितने भिन हें । ताड़ जैसा ऊँचा गोरा नोकीली नाकवाला डुक्का पीनेवाला केवल गेहूँकी रोटी खानेवाठा और मिर्चको हाथ भी न ठगानेवाठा पंजाबी ठिंगने काले लम्बी चोटी रखनेवाले और केवल चावल तथा मिर्च खानेवाजे मद्रासीकी अपेक्षा कितना भिन्न दिखाई देता हे बंगाली बाबू सिरपर कुछ भी नहीं पहनता और पूनेका पंत बिलकुठ गोल पगड़ी घारण




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