साहित्य - मीमांसा | Sahitya - Mimansa

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Sahitya - Mimansa by श्रीयुत पूर्णचन्द्र - Shriyut Purnachandra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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পাতি बी । 1 विषय-सूची । (३---०५७४४७--ए५४४७--०५४०६९ साहित्यका आदशे। आयेसाहित्यकी प्रकृति রি ४ प आर्य ओर अभ्रिजी साहित्य ,,. त 45३ शेक्सपियर भौर भाव সন্কলি ६७ ने प्राच्य और प्राश्चात्य कवियोंका सष्टिमेद লী आयें-साहित्यमें रृश्टिकी सम्पूर्णता पुण्यादशेकी आवश्यकता और ভক্ক্মী **, साहित्यमें अलौकिक साधन ,,, नध १ साहित्यमें रसका क्षेत्र साहित्यमें वीरता साहित्यमें देवत्व ,.. अ নিন च साहित्ये रक्त पात । रक्तपातके सम्बन्धमें आलंकारिकोंका मत रह्भूमिमें रक्त-पात-दर्शनसे अनिष्ट हिन्दू आदर्श यूरोपीय वियोगान्त नाटकोंकी उत्पत्ति ओर प्रकृति वियोगान्त नाठक पढ़नेका कुफल आर्यसत्य र्कपातश्चन्य दोनेषर भी वियोगान्त इ , बनता পচ । १७ १९ २५ २८ ই छ ই ३९ है डंडे ৮]




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