मुल्कता मिनख मोवणी धरती | Mulkata Minakh Movni Dharti
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
114
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)486 ई ) कश्मीर मे राज करता हा | वा र नाम सू ई आ वस्ती बज | मुगल
बादशाह शाहजहा रो बेटी 1640 इ मै इण ठाम मौ वगीचों बणवायों)
अपु डूगरी सू एक चरणों बहतो इण बगीचे मैं आवे। इण झरण न एक
छोटी नहर रौ रूप दे दियो है। बीच वीच मैं फ्वारा रो उछाछ भरतो
निजारी दैखणे मैं आव है। पाणी रो वाहछो, फुठडा भरी क्यार॒या, रसाल सू
लद॒या विरख अर क्टया सवरया झाडा र कारण बाग रो रूप घणो
मिखरथोडो लाग | अठ सू 10 मील री दूरी पर काकर नाग रो सदर झरणो
है। पश्चिम दिशा री पहाडी सू पाच छ धारा मैं तेज बेहतो झरणों फूट जर
आग चाल'र मिल र एक छीटी नदी दाइ ववण लाग जाव। इण र चौतरफे
फल्यो बगीची स्वास्थ बढाण आक्ो है। इण वास्तै कोकरनाग चोखो शिविर
स्थल गिणीज | गर्मी री रुत में सलानी अठ तम्बुआ मैं रवे। श्री नगर जावण
खातर कोकर नाग सू पाछी अनत नाग आणी पड। अनत नाम श्री नगर सू
34 मील दूर है। अठ दो यरना है। एक ठड पाणी री अर दूजो गधक रे
गरम पाणी री। ठेडे पाणी रो सौत एक तलाब मै पड जब रो निजारो मांवणा
है । तावम छोटी वडीकेईतरा रौ मछृत्या तिरती रवे है) इण छाम शिव,
राघा विसन लछमीताथ भर दुर्गा माता रा केई मिदर है । अनूठोपण औ हे क
किसन जी री मूरती अठ गौर वरणा है। गधक र झरण सू अठे दुष्ठ रोग रो
इताज हुवे | झरणे र एडे छेडे चिनार रा विरख है। विरखा री ठडी छाव मैं
लोग कम्पिग रा जाण द उठाव। अनत नाग सू 2 मील दूर मातण्ड तौरथ है
जठ 5 वी शताब्दी मैं राम दित्य रो वणवायांडा चोसा सूय मिदर है। 8 वी
सदी मैं ललिताब्दित्य इण रो जीरणोधार करायो | परसिध तीरथ अमर नाथ
रा यात्री इण स्थान न बौत पवित मान है अर अठ र तक्छाब मै स्वान कर है।
बड तीरथा दाई अठ रा पण्डा वस ठहरता पाण बईया लिया आपणे आपणे
जिजमाना रा पता ठिकाणा पूछता अर लिखता दीस है। जे केई यात्री रा
पुरुवा माय सू कोई पले क्देई अमर नाथ री याना गयोडो हुव ता वारा नाम
तिथ्या सन सवत समत लिखयोडा इणां मै मिल जाव। इण पण्डा री यादास्त
यौत तड हव है 1 मिदर र सामौ साम ए प्राइमरी स्कूल है। वस र पुगता
धरती रो सुरग-काश्मीर 17
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