लोक अदालत | Lok Adalat

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Lok Adalat by अवध प्रसाद - Avadh Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(९७17) तथा सम्बोधित विशिष्ट सामाणिकआदधिक परिवरतनो को स्पष्ट क्या गया है । जहा तक सरकारी विधि प्रणाली एव लोकग्रदालत प्रणाली के पारस्परिक सम्बंध का प्रइन है, लोक्ग्रदालत प्रणात्री की भपनी कुछ अनूठी विशेषताएं हैं। समय पाकर लोक्ग्रदालत न “यूनाधिक रूप म सरकारी विधि प्रणाली की भूमिका को अ्रधिकाश मामलों म प्रृणत प्रात्मतात कर लिया है। न केवत इस क्षेत्र के घहत से निवासी सरकारी विवि प्रणाली का प्रश्रय नही सेते हैं बल्कि जब सरकारी विधि प्रणालीम प्रवृत्त भ्रधिकारियो कौ यह्‌ जानकारी प्राप्त हो जाती है कि उनके सम्मुख प्रस्नुत विवाद की लोक्षम्रदालत मे सुनवाई चलो है या चल रही है तो व अक्सर पभ्रपन सम्मुख प्रस्तुत सुनवाई का स्थमित कर दत हैं ताकि वादी प्रतिवादी का लोकग्रदालत के माध्यम स अपने विवाद का निपटारा करन वा अवसर उपलब्ध हो सके । दूसरे शब्ठा मं, चाहे यह विरोघाभास लगें इस प्रकार सरकारी विधिप्रणानी मे प्रवृत्त प्रधिकारियों की यह कार्यवाही लाक्ग्रदालत की वेघता एवं युवतता को समथन दती हैश्रौर इस हद तक लौङ्प्रदालत प्रणाली सरकारी विधि प्रणाली बर ऊपर छा जाने वाली प्रक्रिया है । लोक्षप्रदालत प्रणावी की यह छा जाने वाली प्रवत्ति? प्रतिवादिया वा सूचना देन की प्रक्रिया मं ही स्पष्टत दबष्टिगोचर हो जाती है। सरवारी विधिप्रणाली म प्रयुकत तौर तरीका के समान ही लाक्भ्रदालत द्वारा भी प्रतिवादी का एक वक्‍त य द्वारा यह निर्देश दिया जाता है कि वह लाक्प्रदालत को कायवाहिया मे उपस्थित हो भ्र यथा मंकदमेबाजी प्रारम्भ हा सकतो है जिसक सम्बधमे उसे श्रागाही की जाती है कि “वह हम गरीब क्सानां व हित म नही है। दूसर दब्दा में यह बहा जा सबता है वि सरकारी याय- प्रणाली की दुरुहृता श्रौर महंगेपन वो ही लाक्प्रदालत की कायवाहिया म भाग लन बी आवश्यवता का आधार वना दिया गया है। इस प्रतार सामुदायिक श्राघार पर विवादों का निपटारा करने बाली ससथा द्वारा सरकारी विधि प्रणाली को श्रपने कार्य के लिय वेघता के रूप मे उपयाग करन का ऐसा झ्नूठा तरीका भव तत प्र यत्र हमार देखन म नही भाषा है। यह सही है वि लोक्थ्रदालत प्रणाली झौर सरकारी विधिप्रणाली व एवं दूसरे पर छा जान वाले प्रथवा विरोधी भुवाव परस्पर सम्ब था का केवत एवं पहलू है । বালা হী সানি) मे प्रारस्परिक पूरकता झौर पथवता सम्ब वो तत्व मौजूद हैं । पारस्परिव पूरबता सम्बधी स्थिति का तत्व विवारधारा




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