संस्कृत व्याकरण हिंदी में भाग -1 | A Manual Of Sanskrit Grammar In Hindi Part-i

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A Manual Of Sanskrit Grammar In Hindi Part-i by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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द्प सस्कृत-व्याकरणस्‌1 द्विर्ताय+ तम्‌, पतरुढकुर-, राजण्टौकसे, स्मरन्लुचाच, भावंदछागः, मीमां सते, आलिट्टाते, उत्थितः, चामौदारय्यम्‌, पांगेव, दिग्ध- सती, भवद्धुक्तम_, चूहदथ , अब्जम्‌ , अवाड्सुख, तन्नीरम्‌ , नरो5यम्‌ , अतोतोमासः, नरइव, क एपः, श्रोरसी, उुर्नातिः, वामोंदस्तः,हतायज़ा«, पातरव, नीरोगः; सदेवः, भा जनमेजय, पपपावति, चवूत्सच*, महाद्याय-, मतैक्यम्‌, मर्द, नीलो- त्पलमु , सद्यम्वु, पिनिच्छा, दायनसमु , विनायकः, गयोर, थियायुत्सक-, कबी[प्ता, अमू अचचो । (२) नील लिखें। से सन्धि कस :-- चेद:न-अघोत-+मया, महान +लाम-, मुनीन+न्नायस्व, चिन्तयन्‌+पव, द्िपन+धुत्कारम्‌ , भ्रम +अजुमन्यस्व, गम + तब्यम्‌ू , पु नथ-, विदनदसे, मवत्‌ू +मतसु, ताराः+उदिताः, भवतः+अयम्‌ु, पितम्+आगम्यताम्‌ु, दम्सुम्कराजते, गो + इयस , मर्गम्‌ु +चलाति, मन न+रज्ञवसु , भो +उमापति, अपू+ वास , महत्‌+घनम्‌ ; तरु+छाया, शुरुमू+नर्माति, नि +रस ; ककुभू +दस्ता, थिकुनलोमिनम्‌, चदत्‌ न ललारम्‌ु, घावन+ दाद , याद+ना,.. साधू+-आगते।, रवो+अस्तमु+इते, परि- घाद्‌+राज़ते, बिदन्‌+शोभसे, अजु+अय , भी +उक ; दाशा+ अड्डू , पथ +असो, पप +वदति, कुत +आयत , द्विपत्‌+ शिवन-उच्छछत्‌,. के +चित्‌ू +यजमान ;. करपन-अन्तेपु+ आप, यदि+अस्ति+अन, रत्ने +मदा+जद +तुतुघु +नदेवा + नचन-अधपि+अखुरा , नि +चित+अथंत्‌+विर्सन्ति ॥ (४) नौंचि लिखने पद को झुद्ध करो - मूछेणा, छन्दांपि, देवाणु , रसण, हर्येती, राम अन्नबीत्‌, मद्दाझन्घ , पपोनूप , सोजगाद, 'घाबितो छाग , पुने 57५, नरेच, भूपबचाच, नपासन,, रमापु, चतुखुं, डर्णय ॥




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