ग्राम - संस्कृति का अगला चरण | Gram Sanskriti Ka Agala Charan

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Gram Sanskriti Ka Agala Charan by काका कालेलकर - Kaka Kalelkar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अनुक्रमणिका অই योगकी नवीन सस्हृति काका काडेलकर ३ ३. संस्कृति दे आजके गावोंका चित्र ३; दुरवस्थाके कारण ४; राष्ट्रको गाधीजीकी सबसे महान देन ५; कर्म शिक्षा- भूछक और गोखवपूर्ण हो ६; (१) स्वरोजी ६, (२) सामाजिक प्रतिप्ठा ६; (३) नीरसतारा सवाल ८; (४) किसान ९, (५) कारीगर १०, (६) स्तिया १२, निवासकी स्थिति १३, सामाजिक वाता- वरण १७, (१) अत्योदय १७; (२) सामाजिक सुरक्षा १९, (३) स्वास्व्यकी योजना २०; (४) शिक्षावी व्यवस्था २०; (५) निश्चित रोजगारी २१; (६) सामाजिक व्यय २१, मनुप्यक्रे समग्र विकासका उद्देश्य २२, उच्चतर सगठन २६; उच्च दग भौर जनतामें सामजस्य २८, नयः सन्नुखन ३०; भामाजिक्‌ प्रभाव ३१, मास्टतिक विकाम ३१ २. उच्चतर समठन नये सतुलनके साथ विस्तार ३३; समाजवादी बल्पाण-राज्यक्रे बदले सहवाारी पचामती राज्य ३४, स्वध्रयौ और सहकारी क्षेत्र ३४, सुश्रखलित व्यवस्था ३५, गावोमे उत्पादक ही उपभोक्ना दं ३६, मयुक्त संगठन द्वारा ग्याययुक्त व्यवहार ३७, ढाचा ३८, वित-व्यवस्था ४०, राज्य सहकारी मडइछ ४०, (१) गाधीजीकी सांगरबृत्तवाली समाज रचना ४१, (२) कार्य-पद्धतियोंक्रा क्रमिक सुधार ४३, (३) सर्ध- विव्तित पग्राम-अर्थव्यवस्थाक्षा विकास ४६, (४) विरिष्टं मेवाओत्रा प्रथ ४९, (५) सुविधानों और मेवाओक्रा प्रवन्ध ५०, (६) परिवारोती अनेक्रविध प्रदूत्तिद ५१५, (3) सामाजिद सुरक्षारा प्रचन्ध ५३, शिक्षा ओर बालनत्याण ५४, स्वास्थ्य और ३ ३--८४ १३




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