सामाजिक मानवशास्त्र की रूपरेखा | Samajik Manavsastra Ki Ruprekha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
453
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)16
রি के त्योहार
এ =.
# संगठन के प्रमुख स्वरूप
^ प्रिमार
ঠা वसीय समाज
दूँव॑ग्ीय समाज
गरज मौर योक्-पमूह
विवाह
(विवाद को आयु
,विवाह के स्वरूप
_उहृरदति-विवाइ
০০ विच्छेद
-ध्यषस्या
प्रतिवादी की रोति
हूं या युवा-संगठन
'प्राधतीय जनजातीय धर्म और जादू
एर तरीय जनजातियों षी समस्याएं एवं जनजातीय
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जनजातीय समस्याओं के कारण शनि
जीवन पर ईसाई मिशनरी-कार्यों का प्रमाव
রে समस्याओं की प्रकृति
तियों को समस्याएं ओर उनके पुनर्वास के लिए सुकाव
আতিক समस्य
-2ঝাদালিক समस्याएं
समस्याएं
স্পট समस्याएं
है 2 অদযোহী
नीय कल्याण-कार्य
_अवधानिक व्यवस्थाएँ
_उर्यद्ननीय व्यवस्था
& तथा सलाहवार संस्थाएँ
मण्डलों में प्रतिनिधित्व सरकारी नौकरियों मे अप्रक्षण
योजनाएँ
अनुसंधान संस्थाएँ
षं ; जनजातीय कल्याण की उवित नीति
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