सामाजिक मानवशास्त्र की रूपरेखा | An Outline Of Social Anthropology

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
An Outline Of Social Anthropology by रवींद्र नाथ मुखर्जी - Ravindra Nath Mukharji

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रवीन्द्र नाथ मुकर्जी - Ravindra Nath Mukarjee

Add Infomation AboutRavindra Nath Mukarjee

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
16 „ के त्योहार लि मः संगठन के प्रमुख स्वरूप ^ प्रिमार वसीय समाज दुबंशीय समाज गोत्र और गोज्र-समूहू विवाह वाद को आयु र्षिनह के स्वरूप _अहर्वति-विवाह 14 विच्छेद -ध्यषस्या ्रतिदारी की रोति हु या युवा-संगठन “प्नारतीय जनजातीय धमं मौर जादू एर तरीय जनजातियों की समस्याएं एवं जनजातीय ह (४८ एाण्णिद्छऽ ग णद ¶210८8 अपप रह 31 फटी विद 533 जनजातीय समस्माओं के कारण ॥ जीवन पर ईसाई मिशनरी-कार्यों का प्रमाव ८ समस्याम कौ प्रकृति तियों को समस्याएं ओर उनके पुनर्वास के लिए सुक्ाव 'ाधिक समस्याएं 2 सामाजिक समस्याएं 1 समस्याएं 4 समस्याएँ 1 समरयाए्‌ नाय कल्याण-कार्य ५ रविघानिक व्यवस्थाएँ _्णगुसनीय व्यवस्था & तथा सलाहरार संस्थाएं मण्डलों में प्रतिनिधित्व सरकारी नौकरियों मे आरक्षण योजनाएँ बनुसंघान संस्थाएँ पें ; जनजातीय कल्याण वी उचित नीति




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now