सामाजिक मानवशास्त्र की रूपरेखा | Samajik Manavsastra Ki Ruprekha

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Samajik Manavsastra Ki Ruprekha by रविंद्र नाथ मुकर्जी - Ravindra Nath Mukarji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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16 রি के त्योहार এ =. # संगठन के प्रमुख स्वरूप ^ प्रिमार ঠা वसीय समाज दूँव॑ग्ीय समाज गरज मौर योक्-पमूह विवाह (विवाद को आयु ,विवाह के स्वरूप _उहृरदति-विवाइ ০০ विच्छेद -ध्यषस्या प्रतिवादी की रोति हूं या युवा-संगठन 'प्राधतीय जनजातीय धर्म और जादू एर तरीय जनजातियों षी समस्याएं एवं जनजातीय ह (४८ एण्णिद्छऽ ण णद 71968 204 গর 3] ৩1270) 533 जनजातीय समस्याओं के कारण शनि जीवन पर ईसाई मिशनरी-कार्यों का प्रमाव রে समस्याओं की प्रकृति तियों को समस्याएं ओर उनके पुनर्वास के लिए सुकाव আতিক समस्य -2ঝাদালিক समस्याएं समस्याएं স্পট समस्याएं है 2 অদযোহী नीय कल्याण-कार्य _अवधानिक व्यवस्थाएँ _उर्यद्ननीय व्यवस्था & तथा सलाहवार संस्थाएँ मण्डलों में प्रतिनिधित्व सरकारी नौकरियों मे अप्रक्षण योजनाएँ अनुसंधान संस्थाएँ षं ; जनजातीय कल्याण की उवित नीति




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