बंगाल,बिहार, उड़ीसा प्रान्त के प्राचीन जैन स्मारक | Bangal, Bihar, Udisa Prant Ke Pracheen Jain Smarak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
138
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पटनाके प्रसिद्ध जन स्मारक । [ ११
[1 ২৬২২২২২২২৩২ ২৬২১২২২১৩১২২২৭১২২২২২২২২১২২২১
इन सर्वो पर् प्राचीन पाषारणोके जेन मन्दिर निर्मित हैं | घाटोके मध्यमें
एक स्तुप है जिसपर एक छोटा जैन मन्दिर है जिप्को मनियार कुपन
या मनियार मठ कहते हें (566 1(०0ए०७॥४ ० 30728)
০ ৭ (০? 1595.) भारतकी गुफाओंकी पुस्तकें छिखा है कि
राजगिरीमें जतसिधकी बैठक ओर सोनभद्र गुफा है। यह गुफा
मोय्य॑ंशसे सम्बन्ध रखती है जित बंशने सन् ई० के ३१६ वर्ष
पूवसे १८० वर्ष पूवेतक राज किया था । दूसरी सप्त पण गुफा हैं।
(566७ 0889 1[:50)0199 ० 1070018 107 10072038810
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आरकिलाजिकक सरवे इण्डिया रिपोर्ट सन् १९००-६ से
इस भांति विदित हुआ है-“सन् १९०४ में यहां खुदाई फी गईं ¦
भारतमें सभ्ससे प्राचीन प्रसिद्ध नगर राजग्रड दै जिकके खण्डित
स्थान मिलते हैं । यह पुराना नगर ३०, 9० मीलके मध्यमें है ।
राजगिरि अमसे दक्षिणमें फहगूलक पश्चिममें बेभारगिरिसे लेकर पूवमें
गिरय तक चला गया है। याष्टरवनक्की घटो और गिरियकके प्राचीन
स्थार्नोकी जांच होनी बाकी है। कुशागारपुर नामके प्राचीन नगरकी
भीतें मोजूद हैं ।
( नोट-पहले गजग्रडीको कुशागारपुर भी कहते होंगे ) यहाँ
कोटके भीर्तोकी रूम्ची २ दीवाले हैं | प्राचीन राजपग्र्रीकी ये भीतं
इतिहास कारके पूर्वेकी ई भारतम जितनी प्राचीन वुँ मिली है
শুন सबसे भधिक प्राचीन हैं-( ग.०४० ४०० 00० एरर
५६118 ० 019. 18]670 05952011950 29108108 8६
© 11১0 0110 10019) হল मीतकरि मगेके माग बड़े-बड़े
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