विधवाओं का इंसाफ | Vidhwaon Ka Insaaf
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
182
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दूसरा ऋष्याय
পপি आओ
विवाह
विग क्याहै? नारियों की दुर्दशा जो इस समय
समाज में हो रही है, उसको देख कर बाईबिल
की एक मनोरंजक वात्ता की ओर ध्यान गया और मनोरंजन
ॐ विचर से उसे यहाँ पर प्रस्तुत करते हैं। आदम और
खी दोनों एडन के बागमें नगे रहते थे । उनको नंगे होने का
ज्ञान न था और इसलिये लज्जा भी नहीं थी। ईश्वर ने मना
कर दिया गया था कि सब वृक्षों के फल खाना पर एक अमुक
वृक्त का फल न खाना नहीं तो स्री मर जावेगी । परन्तु सांप
ने स्री को बहकाना आरम्भ किया ।
“सांप ने स्री से कहा, तुम्हारी मृत्यु नहीं होगी” |
“इर जानतां है कि यदि दिन में तुम उसका फल
खाओगी तो तुम्हारी आँखें खुल जायंगी, और तुमको देतो
के समान गुण और बुराई क समभने की योग्यता हो जवेगी ।
9
User Reviews
No Reviews | Add Yours...