कुँआरी धरती | Kunaari Dharti

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Book Image : कुँआरी धरती  - Kunaari Dharti

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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लगा था। इसलिये मरते समय बिलकुल कुछ न छोड़ गया । बालक पाकलिन से-- (उसका चाम रखा गया था सीला सामसोधिच, जिक्षका प्रथं होता 'सामसन का लड़कां शक्ति', जिसे भी वह अपने साथ एक प्रकार का मज़ाक ही मानता था)--एक व्यावसायिक स्कूल में पढ़ाई लिखाई की जहाँ उसने जर्मंत भाषा भली प्रकार सीखी । बहुत से कठु अनु- भवों के बाद अ्रंत में उसे एक व्यापारी के यहाँ डेढ़ सौ पौंड सालाना पर एक नौकरी मिल गईं। इस श्रामदती पर उसे अपने सिवाय एक बीमार बूहा श्रौर एक कुबड़ी बहन का भी पालन करता पड़ता था। हमारी इस कहानी के समय वह केवल अदृठाईस बरस का था | पाकलित की बहुत से विद्यार्थियों से और नवयुवकों रा जाव-पहुचान थी, जो उसकी निष्ठाहीन वाकचातुरी, उसकी उद्धत बातचीत, सरल-हूदय प्रखरता तथा उसके एुकांगी परर वास्तविक तथा व्यावहारिक ज्ञान के लिए उसे पसन्द करते थे। केवल कभी-कभी ही उसे उनके हाथों कष्ट सहन करना पड़ता था । एक दिन किसी कारण वश उसे एक राजनीतिक राभा में पहुँचने में देर हा गई'''और शअ्रन्दर प्रवेश करते ही उसमे जल्दी-गल्दी बहाने बनाने शुद्ू कर दिये** बेचारा पाकलिन उर के मारे घबरा गया है !” किसी ने कोने में से कहा, और वे राव ठहाका मार कर हँस पड़े । श्रन्त में स्वथं पाकलिन भी हँस दिया, यद्यपि वह भीतर ही भीतर क्रद्ध था। “वात सच ही कही है, बदमाश ने ! उसने मन ही मन सोचा । नेज्दानौफ से उसका परिचय एक यूनानी ভান में हुआ था जहाँ वहू भोजन करने जाया करता था श्रौर जहाँ वह ्रक्रार अपने बड़े स्वतस्तत और निर्भीक विचार प्रगट किया करता था) बह कहा करता था कि उसकी जनवथादी विव्ार- धारा का मुख्य कारण था बुणित यूनाती भोजन, जिससे मेदा खराब हो जाता है । हा सचमुच'**हुमारे दोस्त को क्या हो गया ?” पाकलिन ने दोहराया ।”कुछ दिनों से मेंने देखा है कि वह कुछ श्रनमना-सा रहता कुग्रारी धरती ६




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