अपलक | Apalak
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
122
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)थक्ित
सागरुज्य याञ्चा
फिर वही
क्या न सुनोगे विनय हमारी !
उड़ गए तुम निमिष भरम
तेरा मेरा नाता स्याह!
पण्ढ सिहाबलोकन
सखे !
हम हैं मरत फक्कीर
भिय, त्वम-मय कर दो मम तन-मन
प्राण, तुम्हारे कर के कंकण
सजन, करो सन्तत रस-वषेण
तुम न आना अतिथि बनकर
मेरे भौन लगी आग
आओ, प्रिय हृदय लगो
मेरा क्या काल कलन !
बदु रहा दै भार मेरा
आा जाओ, प्रिय, साकार আলী
विस्मरण
सखि, वन-वन घन गरजे
तिमिर-भार
अस्तित्व-नाव
नयनन नीर भरे
निराशा क्यो हिय मथित करे ९
घन-गजेन.ज्ञण
पलक चख चमक भरो
५६
५८
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६२
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