नाट्यसम्भव | Natyasambhav
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
110
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)এপস =
नाव्यप्म्भव । ९.
1
1
1
বিড রত ৫৪
1 कम পানি
1
)
जब भले यहां से !
; दूसरी अप्सरा 1 हां धद्धिन ! चले माग क्री चलकर
। भ्गवती की पूजा करें।
| (देनं गं)
परदा गिरता 1
इति चिप्कम्भक।
पहिला दृश्य ।
( शङ्गभूमि फा परदा उठता रै)
स्थान नन्दनवन--माधवी कुंज ।
( उदासीन वेश बनाये आगे २ इन्द्र ओ पीछे २ सोने का
आसा लिए प्रतिहारी সালা ই)
इन्द्र | ( घूस कर ) अहा ! यह किसने काने में अक्ृत की
चुद् टकरा ! ( हैं सुख सूरज उदे इत्यादि फिर से
पढ़कर) हा! क्या वह दिन जल्दी आवेगा? हे प्यारी
पुलेमजे | फव तुम्हारी साधुरो सूत्ति का दृ्शन है गा ?
प्रिये ! तुम्हारे बचनारृत के प्यासे इन काने की कब
तृप्ति हैगी ? भरे नि्देदे विधाता ! इसने तेरा घ्या
নিশার ঘা জী तूने बैठे बैठाये बैर विसाह कर
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