श्रीरामचरितमानस | Shri Ram Charit Manas
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
26 MB
कुल पष्ठ :
650
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ १३ |]
चिन्तन करते हुए यदि प्रश्नावढीके # इस चिहसे संझुक्त 'म? वाले
कोष्ठकर्में अंगुली या शब्गका रक्खा ओर वह ऊपर बताये क्रमके
अनुसार अक्षरोंकों गिन-गिनकर लिखता गया तो उत्तरखरूप यह
चोपाई बन जायगी----
हो इहसोईजोरामःः रचिराखा।
को कू रित रफ बढ़ा व हिं साषा॥
यह चौपाई बालकाण्डान्ततत शिव और पावतीके संवादमें
हैं | प्रश्नकर्ताको इस उत्तरखरूप चोपाईसे यह आशय निकालना
चाहिये कि काय होनेमें सन््देह है, अतः उसे भगवानपर छोड़ উলা
भ्रयस्कर है ।
इस चोपाईके अतिरिक्ति श्रीरामशलाका-प्रश्नावडीसे ओर भी
जितनी चोपाइयों बनती हैं, उन सबका स्थान ऑर फलसहित
ल्लेख नीचे किया जाता है |
।>सुछु सिय सत्य असीस हसारी । पूजहि. मन कामना तुम्हारी ॥
सथान-यह चोपाई वाट्काण्डयें श्रीसीताजीके गोरीपजनवेः प्रस्खमे
है । गोरीजीने श्रीसीताजीको आशीर्वाद दिया ই |
फूल-प्रइनकर्ताका प्रश्न उत्तम है, काय सिद्ध होगा |
२-प्रविसि नगर कीजे सब काजा । हृदय राखि कोसलपुर राजा ॥
सथान-यह चौपाई घुन्दरकाण्डमें हनुमानजीके लंकामें प्रवेश करनेके
समयकी है ।
फूल-भगवान्का स्मरण करके कायारम्भ करो, सफक्ता मिलेगी ।
३-उघरें अंत न होइ निबाहू | कालनेस जिसि रावन राह ॥
स्थान-यह चोपाई बाल्काण्डके आरम्भमें सत्सड्रवणनके ग्रसझमें है ।
फल-इस कायमें भछाई नहीं है | कायकी सफल्तामें सन्देह है !
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