श्रीरामचरितमानस | Shri Ram Charit Manas

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Shri Ram Charit Manas by गोस्वामी तुलसीदास - Gosvami Tulaseedas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ १३ |] चिन्तन करते हुए यदि प्रश्नावढीके # इस चिहसे संझुक्त 'म? वाले कोष्ठकर्में अंगुली या शब्गका रक्खा ओर वह ऊपर बताये क्रमके अनुसार अक्षरोंकों गिन-गिनकर लिखता गया तो उत्तरखरूप यह चोपाई बन जायगी---- हो इहसोईजोरामःः रचिराखा। को कू रित रफ बढ़ा व हिं साषा॥ यह चौपाई बालकाण्डान्ततत शिव और पावतीके संवादमें हैं | प्रश्नकर्ताको इस उत्तरखरूप चोपाईसे यह आशय निकालना चाहिये कि काय होनेमें सन्‍्देह है, अतः उसे भगवानपर छोड़ উলা भ्रयस्कर है । इस चोपाईके अतिरिक्ति श्रीरामशलाका-प्रश्नावडीसे ओर भी जितनी चोपाइयों बनती हैं, उन सबका स्थान ऑर फलसहित ल्लेख नीचे किया जाता है | ।>सुछु सिय सत्य असीस हसारी । पूजहि. मन कामना तुम्हारी ॥ सथान-यह चोपाई वाट्काण्डयें श्रीसीताजीके गोरीपजनवेः प्रस्खमे है । गोरीजीने श्रीसीताजीको आशीर्वाद दिया ই | फूल-प्रइनकर्ताका प्रश्न उत्तम है, काय सिद्ध होगा | २-प्रविसि नगर कीजे सब काजा । हृदय राखि कोसलपुर राजा ॥ सथान-यह चौपाई घुन्दरकाण्डमें हनुमानजीके लंकामें प्रवेश करनेके समयकी है । फूल-भगवान्‌का स्मरण करके कायारम्भ करो, सफक्ता मिलेगी । ३-उघरें अंत न होइ निबाहू | कालनेस जिसि रावन राह ॥ स्थान-यह चोपाई बाल्काण्डके आरम्भमें सत्सड्रवणनके ग्रसझमें है । फल-इस कायमें भछाई नहीं है | कायकी सफल्तामें सन्देह है !




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