ज्ञाताधर्मकथांक सूत्र | Gyaya Dharmakathank Sutr

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Gyaya Dharmakathank Sutr   by शोभाचन्द्रजी भारिल्ल - Shobhachandraji Bharill

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रथम संस्करण के अर्थ सहयोगो श्रीमान्‌ सेठ खीदराजजी योरडिया [ जीबन-रेखा ] राजस्थान के गौरवास्पद ष्यवतायी, स्वानकवासी जनसमाज कौ भन्यतम वि्रूति, धमेनिष्ठ सेठ श्री खीवराजजी सा. चोरहियां का जन्म रजस्थान के प्राम नोखा--चान्दाबतो का-मे ई. सन्‌ १९१४ कौ हुभा। भ्रापके पूज्य पिताश्री सिरेभलजी पा. प्रौर माता सायबकूबरजी कै धार्मिक संस्कार भरापको उत्तराधिकार के रूप में प्राप्त हुए हैं। आपके ज्येष्ठतन घ्राता सेठ हौरावदजी सा. जयेष्ठ भ्राता पश्रक्षी सेठ मोहनमलजी सा. तथा क्री माणकचदजी सा. हैं । भ्रापके सुपुत्र श्री देवराजजी भ्रौर श्री नवरत्नमलजी ह । प्रनेक पौत्रो भौर पौत्रर्योते हरा-भरा भापका यह बृहत्‌ परिवार समाज के लिए धर्मनिष्ठा की दृष्टि से भदश है। चोरडियाजी की धमंपरनी श्रीमती भवरीबाई धम्मंश्रद्धा की प्रतिमूति एवं तपस्विली भी हैं। प्राप्ते शारीरिक स्वास्थ्य साधारण होते हुए भी झपने प्रवल झात्मबल के भाधार पर वर्षी तप की आराधना को है, जिसका उद्यापन बड़ी ही धूमधाम से शोला में किया था। वर्षी तप के उपलक्ष्य में लाखो की राशि दान मे दी गई थी । श्री चोरडियाजी का विशाल व्यवसाय मद्रास नगर में है। व्यापारिक समाज में आपका वर्भस्व है। व्यापारियों में श्राप एक प्रकार से राजा कहलाते हैं। प्रापके व्यवस्ताय इस प्रकार हैं--- १--खीषराज मोटसं प्रा. नि माकर रोड, मद्रास २--फाहनेन्ससं ३--खीवराज मोटर्स बेगल्र---प्रोटोमोबाइल्स एजेन्सी ४---राज मोटसं---मोटर साइकिल एजेन्सी ५--जमीन-जायदाद का व्यवसाय ६--दी भवानी मिल्स लिमि, (धागे की मिल) (चेयरमेन) ७---श्री बिग केमिकल (बैयरमेन) इसके परतिरिक्त भ्रापकी मद्रास, जोधपुर तथा नोदा प्रादि मे विपुल स्थावर सम्पत्ति है। किन्तु यह ने समझा जाये कि भ्रापका जीवन व्यवसाय के लिए ही समर्पित है। धामिक झौर सामाजिक क्षेत्रों मे भी क्राप तन, मन श्रौर धन से महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं । निम्नलिखित तालिका से यह कथन स्पष्ट हो जाता है । वर्तमान में प्रापका नि. लि सस्थाप्रो के साथ घनिष्ठ सम्पर्क है-- १-- धराय स्थानकवासी जन অথ के उपाध्यक्ष हैं । २--श्री कर्धघमान सेवासमिति, नोखा के अध्यक्ष हैं । ३--दयासदन, भद्गास के भ्रध्यक्ष हैं । ४--मुनि श्रीहुजारीमलजी म. सा. ट्रस्ट, नोखा के ट्ृस्टी हैं । १५




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