विश्व - भूगोल | Visava Bhugol
श्रेणी : भूगोल / Geography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
26.34 MB
कुल पष्ठ :
580
श्रेणी :
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No Information available about डॉ. चतुरभुज मामोरिया - Dr. Chaturbhuj Mamoria
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)न १९ -
ग्रहों का तोल और आकर्षण दक्ति”--
ग्रहो को तोलो में भी बडी विभिन्नता है पृथ्वी की तोल १६००० दाख
मन है । यदि पृथ्वी का वज़न १ सेर से मान लिया जाय तो उसी अनुपात से
सुय॑ का बजन ८००० मन होगा और उसी पंमाने पर बुहस्पति ७ई मन का,
दनि २ मन व ३ सेर, यूरनस १७ सेर, नेपच्यून १४ सेर, शुक्र १३ छटांक;
मंगल १४ छटांक; बुध € छटॉक और चन्द्रमा लगभग एक तोले का होगा ।
इस प्रकार ज्ञात होगा कि वृहस्पति अन्य प्रहो के सम्मिलित तौल से भी भारी
है और सूयं सब ग्रह के वजन के योग से €४५० गुना भारी है ।
भ्रह्हों के पृष्ठो पर आक्षेण-गक्ति में उतना अधिक अन्तर नही है जितना
उनकी तोलो में । क्योंकि भारी ग्रह बड़े होते हे और उनकी केन्द्र से दूरी बढ
जाने के कारण वहाँ आकर्षण-शक्ति उतनी अधिक नही बढ पाती जितनी तौल
के कारण बढ़नी चाहिये थी । गणना से पता चलता है कि डेढ मन के आदमी
का तौल बृहस्पति पर ३ मन, शनि पर १ मन, शुक्र पर १६ मन, यूरेनस
और नेपच्यून पर भी लगभग इतना ही होगा और बुध तथा मंगल पर आधे मन
से कुछ अधिक ठह्रेगा । आवान्तर ग्रहो पर वह मनुष्य केवल २-४ छटाक
का ही जान पडेंगा । ग्रह्दो के सापेक्षिक घनत्व में भी बहुत अन्तर है । पृथ्वी
पानी की अपेक्षा ५६ गुना भारी है परन्तु दानि पानी से हल्का है, थुक्त पानी
की अपेक्षा ५ गुना भारी, बुध इससे कुछ हल्का, और मगल साढे तीन गुना
भारी है। बुहस्पति पानी से केवल १३ गुना भारी है । यूरेनस का सापेक्षिक
घनत्व भी प्राय. इतना ही है और नेपच्यून का इससे थोडा ही कम है ।
सब ग्रहों में निम्नलिखित एकसी बातें मिलती है १ --
(१) सब ग्रह आकार मे गेद की भाँति गोल है ।
(२) प्रत्येक ग्रह अपनी धुरी पर घूमता है जो घरातल की ओर शुकी
हुई है और जिस पर ये केन्द्रीय सुय॑ के चारो ओर पदिचम से पुर
की ओर घूमते हैं ।
का गोला रख दीजिये यह तो सुर्य को सुचित करेगा। इस पैमाने पर बुद्ध
एक दाना रूई से निरूपित हो जायगा और यह १६४” व्यास के वृत पर रहेंगा,
शुक्र एक दाना सटर के समान २४८' व्यास के बत पर, पृथ्वी भी मटर के
बराबर ४३० वृत पर; मंगल बड़ी आालपिन के सिर के बरावर ६४५४' के
चुत पर; अवान्तर ग्रह बालू के कण के समान १०००' से १२००' की कक्षा
में; चृहस्पति साघारण नारंगो के बराबर; दानि छोटो नारंगी के समानडूं सील
के वृत पर; युरेनस छोटी लीची के बराबर ६ सील के व्यास के बत पर,
लेपचून बड़ी लोची के बराबर लगभग २४ सील के बृत पर ।”....
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