भारतीय विद्यार्थी विनोद | Bhartiya-vidyarthy-vinod

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Bhartiya-vidyarthy-vinod by भगवानदास केला - Bhagwandas Kela

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about भगवानदास केला - Bhagwandas Kela

Add Infomation AboutBhagwandas Kela

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
गणित £ लिया जवे तै भी अरब वाले ने जब्दों से जददी सातवों शताब्दी में बीजगणित के तत्वों के! पहचाना होगा | इधर मारत में हम देखते हैं कि बराहमिहिर ने, जे! सम्राट विक्रमादित्य के नवरत्लों में से था, अपने ज्योतिष ग्रन्थों मे बीज्यणित क सिद्धान्तों से काम लिया है, जिससे सिद्ध हुआ कि बीज्गणित का आविष्कार सम्राट विक्रमादित से पहले है।.. चुका था, जिनका समय हम ईसा से ५७ वर्ष पूर्व का मानते हैं । परन्तु यदि पाश्चात्य चिहद्दानें का अनुमान ही सत्य समभ्ा जावे ओर उक्त खन्नाट का पाँचवों शताब्दी दे हाना मानें, तेमभ्पेयह ता सिद्धहारी गथा कि चसह मिहिर ने उस खमय बीजगणित के सिद्धान्ता का प्रयोग किया जव मेदम्मदी धमं आरम्भ ही नही हआ था । वात असख मँ यह मालूम होती हे कि बीजगणित का भी प्रथमत: आविष्कार ते ( गणित की अन्य शाखाओं को भाँति ) किया हिन्दुओं ने ही परन्तु अरबवालों ने यहाँ से लेकर इसका यूनान में और यूनान से इसका अन्य येोरपीय देशों में प्रचार किया और येरपोय विष्धानों की यह समभ हा भयो कि अव्ववारों ने हो इस विद्या की पथम सत्नोज़ की है | काल-निशय ^ यह प्रमाणित है! जाने पर कि आय॑ हिन्दुओं ने ह। गणित को सब शाखाओं का आविष्कार किया, अब यह निश्चय करना है कि इन्होंने इन विद्याओं की खाज़ कब आरम्भ की | हम कह लुके हैं कि इनका वेदे में उल्छेख मिरूता है । बस, सिद्ध हुआ कि वैदिक काल में ही इतका आविष्कार हुआ । अब प्रश्न हाता है कि वैदिक व्दाल' क्या है, से! इस विषय पर अभी तक ते विद्वान सहमत नहों हुए । जिनके विचार से सष्टि की हो आयु पाँच सात हजार वर्ष है, उनकी नज़र घैदिर काल के। निश्चित करने के लिए इस




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now