कामायनी में काव्य , संस्कृति , और दर्शन | Kamayani Me Kavya, Sanskriti Aur Darshan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Kamayani Me Kavya, Sanskriti Aur Darshan by द्वारिका प्रसाद - Dwarika Prasad

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about द्वारिका प्रसाद - Dwarika Prasad

Add Infomation AboutDwarika Prasad

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(घर) प्रकरण ६7-कामायनी का मवोवेज्ञानिक स्वत्प বই मन सम्बन्धी भारतीय मत--३६१ । সন सम्बन्धी पाश्चात्य मंत--३६३ | प्रमादजी वी सत्र सम्दस्धी विजो घारणा--३६५ । कामायनी मे मनका क्रमिक विन ठया भारतीय ओर पारचात्य दृष्टि चे उना मूल्यान - २९७ 1 बायायनो मौर फ्रोइड बा मनोविज्ञान ३८६ * स्वप्न सिद्धान्त-- ३८७ । काम-मिद्धान्ठ--३९० । रूत-निद्धान--३६२ } हास्यविनोद-मिद्धास्व--३६३ 1 जह-मिद्धान्व--३ ६४ । बाम के विभिन्न रूप और उसकी श्रेरियां--३६६ । वामायनी से पाम দা स्वरूप * आध्यात्मित चाम--४०२ ॥ सृजनात्मद बाम-- £०३ 1 वामनान्मक काम --४०४ ॥ बुद्धि और श्रद्धा जा क्वान में सापेक्ष महत्व-- ४०६ 1 प्रकरण ७--कामायनी की दार्यनिकता লও निगमो ओर आगमो वा स्वरुप--४१४ | संवो वा হাগনি_ बिन्तत--.४२३ । प्रत्यभिज्ञादर्भभ -४२६ मात्ा--४२५ 4 जीव--४२८ । सृष्टि--४३ १ । नीन पदरा्॑--४३३ + दत्तोन तत्व---4३४ । धावर वेदान्त नेया प्रत्यमिज्षईर्शन वा जन्तर-- डंड२ । प्रत्यमिन्नार्शन और वामायनी-४४ ३ निवनिणद-- [न লসর द---४४६ ॥ अभेदवाद एत्र आभासदाद-- ४४७. -- ४५ २ रननदवाद न्दवाद-- ४५४ १ जन्य दानिक विचारघारयें नौर बामायनी : दु खवाद--४६० । सणिर- वाद-- ४६१॥ करा--४६३ 1 प्ररमागुदाद--*६६। मौतिक- वाद-४६७। आधुतित विज्ञान और वाम्ायनी-४७२ : गुरत्वा- कर्षण वा सिद्धान्त--४३३ 1 विद्यू लगा सम्बन्धी सिद्धान्त-- ८७३ । परिवर्ततश्नीलवा का सिद्धान--४७४ ॥ गतिधीलता का सिद्धान्त--४७६ + शरवेन के तोन सिद्धान्त -४७६॥1 प्रा वा सिद्धान्त-- ४७७। वायुमडल वा सिद्धालल-- ४७४६1 पैंठुड़ योग्यता वा सिद्धान्च--45८॥ दामायनी बी दार्भनिकता ओर आधुननिद्र मानव-जीवन---/७ ६ । वामायनोी रो द्ार्शनिव देन-४८ 1 उपसहार कामायनी मे प्रनादजो बे विरो वा चग्म विक्रास ४८८८;




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now