ग्वालियर राज्य के अभिलेख | Gvaliyar Rajya Ke Abhilekh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
92 MB
कुल पष्ठ :
214
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री हरिहर निवास द्विवेदी - Shri Harihar Niwas Dwivedi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand).. कि यह फरमान आलमगीर बादशाह ने खुदवाया है । दस्तकारो के संरक्षण
की प्रथा का जो उल्लेख कौटिल्य के अर्थेशाख मँ मिलता है, उसका रूप इस `
मगल सम्राट् के फरमान मे भी मिलता है। शिवपुरी का 'पातशाहः का शुकम
फरमानः (७०७ तथा ५८२ , भी उत्लेखनीय है । उस नमय यह राजाज्ञाएँ `
फारसी के साथ-साथ लोकवाणी हिन्दीम मी लिखी जाती थी) नस्वरका
महाराज हरिराऊ का यात्रियों के साथ सदव्यवहार करने का आदेश (४२०)
भी यहाँ उल्लेखनीय हे এ
आमलेखां क आपप्तस्थत्न स्तूप, सादर, मूर्तियां, यज्ञस्तंभ, मसजिद, मकबरे, টি
0 হালা, লঙ্জাল, অন্থ। किले, सतीस्मारक, तालाब, कुएं, बावड़ी, छत्री आदि `
.... हैं। कहीं-कहीं केबल आदेश देने के लिए भी प्रस्तर-स्तंभों पर लेख खोद `
दिये गए है। अत्यधिक व्यापक रूप में अभिलेख स्तूप, मन्दिर सस्जिद हि|
आदि धार्मिक स्थानों से सम्बन्धित भिलतेहं। किसी सन्दिरकेनिमौणएका
उल्लेख करने के लिए, किसी मूर्तिं की स्थापना का उल्लेख करने के लिए. `
किसी दान की घटना को शताब्दियों तके स्थिर करने के लिए लिखे गए अभिलेख `
मिलते हैं। देवालय राजाओं ने. उनके अधीनस्थ शाखकों अथवा धघनपति्यो ने
बनवाये ओर उनके सम्बन्धित अभिलेखों में शासक का नाम तथा उसका वंश- `
वृक्ष भी दे दिया। डउदयगिरि एवं तुमेन के मन्दिर-निमोण-क्तो सामन््त और `
. श्रेष्ठियों ने पुण्यत्ञाभ तो किया ही साथ ही अपने नरेशों के प्रति अज्ञात रूप से
: ` बड़ा उपकार करिया 1 आज के इतिहास-प्रेमी उनके उल्लेखों के आधार पर राजवंशं
एवं घटनाओं का क्रम निशितं करते दै। बेसनगर के विष्णुमन्दिर के
स्तंभ-लेखो (६६२ तथा ६६३ ) ने राजनीतिक एवं धार्मिक इतिहास में प्रकाश .
.._ स्तम्भों का कार्य किया है । রা व
....... आगे चलकर मुसलमानों के अधिकांश अभिलेख मस्जिद, ईंदगांह, `
मकवरे आदि के बनवाने से ही सम्बन्धित हैं। पहले कुरानया हदीसकी `
दानो का उल्लेख दो चार स्थलों पर अत्यधिक पाया जाता है
सर पे भक्त आकर श्रद्धालुसार दान १ रहे और संभवत: दान के परिमाण শী
आयत देकर फिर मस्जिद आदि के निमोण का हाल लिखने की साधारण
से श्रागे उदयपुर का उदयेश्वर मन्दिर है। वहाँ अनेक दिशाओं के...
उल्लेख मन्दिर की दीवारों पर तथा स्तंभो आदि पर `
User Reviews
No Reviews | Add Yours...