सत्यार्थप्रकाश और जैनधर्म | Satyarthaprakash Aur Jainadharm

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Book Image : सत्यार्थप्रकाश और जैनधर्म  - Satyarthaprakash Aur Jainadharm

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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#े श्र बॉतगागाय नम सत्यार्थपकाश और जेनब्न শপ -- 4 | -- [ १] स्मोनी दयानन्द जी मरम्वती গী হ্যার্মী दयानन्द्र जी चतमान समय के युग प्रधान व्यक्तियों में से एक है । उनऊ द्दय से हिन्दु जाति एवं भारत भूमि के लिये বাঘ एम था। उन्द ने इनकी उन्नति के लिये शक्ति भर प्रयत्म भी किया | परन्तु दुख है कि ऐसे मपुरुष का प्रामाणिक जीवनचरित्र ञ्जा तकन वन मक्रा। आयंममजने आज्ञ तक जितत भी जीवन चरित्र लिख है थे ले विशावार कर , नाओं के आवार पर लिव > । उन्होंने स््र॒भी जा के स्ववस्त-लिस्वित निज़् जीवन चरित्र के आधार पर ही अपना मह सब: किया हैं | किन्तु म्वामीजी ऊ ६सस्‍्त लिग्वित भी दो जीवन चरित्र है , १- যত जीवन-चरित्र अययसमाज फरुछाबाद की तरफ से पण्डित गशोशदत्त जी न छुपवाया है| २-- यह जीवन-चरित्र स्वामी जी ने 'थियासोफिस्ट' पत्रमें छुप या था। उमका उदु श्रनुवाद्‌ सम्वत १६४५ मे दलपतर,य जगगाव वालो ने छुपवाया था। इन दोनों मे बड़ा अन्तर है। इसकी समालोचना पं० जगन्नाथ जी मुरादाबाद वालों ने की थी, जो कि वेकटेश्वर प्रेस बम्बइ मे सम्वत्‌




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