गुरुकुल पत्रिका | Gurukul Patrika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
30
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)९००६ ]
है मानों उनका गला घुर रहा हो |
अन्य ग्ज्ञात्मक उपाय
१, विघ--बहुत से पौधों मे विष होता है या कुछ
उत्तेजक पदार्थ उरश्वित होते हैं। ऐसे पौधे भी उन
बन्चुओं से जो विषले और निविध पौधों की पहिचान
कर लेते हैं श्र ने श्राउ को बचा लेते हैं ।
१ दूधिया पोषे--किन्हीं पौधों में दूध के प्रकार
का एक रस निकलता है जोकि अक्सर बिप्रेला या
डोम उत्तन्न करने वाला होता है। जब यह दूध
ল্বব্না पर लगता है तो उस स्थान पर जलन कर देता
है इस दूध से कभी २ फफोले भी पड जाते हैं, कनेर,
श्राक आदि इस प्रकार के दूधिया पौधों के उदाहरण
है।
२. एलक्रेलॉईंड ( 41६310105--ये मी बहुत
धा/नक द्वोते हैं। इनको थोड़ी सी मात्रा ही किसी जन््तु
के जीवन-दरण के लिये पर्यात होती है। ये बहुत
प्रकार के ঘীঘা ने पाये ज्ञात हैं बत्त 5179017011९
कुचला में, 1४(०1०1॥177९ श्रफाम मे ज्रौर [गप
2106 धतूरे मे|
३. चमक पद्, य--बहूत षे पाधा म केलशियम
श्रोक्जेलेट ( (81८७० 008219८) के तेज
और नौकीले दाने होते हैं। जब इस प्रकार के पौत्र
खाए जाते हैं तो उन में स्ित (0910101] (053-
180९ के दाने जीम और गले को छि;द्वत कर देते हैं,
और गले में क्ञोम उत्पन्न कर देते हैं, इस प्रकार
ऐसे पौधों को चरने वाले अनवरो का कर नहीं
होना पडता, इस प्रकार के पौधों का सब्र से श्रच्छा
ज
पौधों में श्रात्मरक्षा के साधन
उदाहरण पान है |
तीखे खाद और तेज गन्ध वाले पौधे
खराब स्वाद और तेज गन्ध होने के कारण भी
बहुत से पौषे जस्तुओ्रों से श्रपने श्राषको बचाए रखते
हैं। गन्धाला की बुरी गन्ध के हो कारण उतके पार
कोई ज।ना तक पसन्द नहीं करता । तुली, पोदोना,
ककरोंदा मी अउनी तेजगन्ध के ही कारण कापी हद्
तक जन्तुश्र से जच रते हैं इसो प्रकार नीम भी अपने
कड़वे स्वाद के करण अपने श्राप का बल्लिदान करने
से बचाये रखता है ।
पौधों में नकल करने की आदत
बहुत से पोषे देखने में ऐसे पौधों या जन्दुश्ो
के समान दिखाई देते है जा कि स्व्ात्मक साधनों से
सम्पन्न है श्रोर इस प्रकार घोका देकर वे अपने श्राप
का जानवरा से बचाए रखते हैं। उदाइरण के लिए
इम केले दयम ( (०न्पाप् ) की विभिन्न किस्सा
को ते सकते है) ।जनकरे पत्ता क ऊपर साप की भाति
धब्बे होत हैं और घारथा भी हॉती हैं। चरने वाले
जानवर इनका साप अथन' मरे जनन््तु समझ कर छोड
देत हैं इमी प्रकर হালা में वर्षा में होने वाले
सपवृक्ष नाम के पेड़ को भा जानवर नहीं छुते क्योंकि
वह देखने में शिलकुल पनियर के फन के सहश दिखाई
देता है |
वृक्षों पर छाल अयवा कार्क का होता भी उनके
सुस्दात्म साधनों में से एक है क्योंकि इस पे वे ्रपने
आप को धूप और अ्रन्य कीढ़ों से बचाए रखने में
समथ होते हैं ।
उन्नीस
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