गोरक्षाकल्पतरु | Goraksha Kalpataru
श्रेणी : कृषि, तकनीक व कंप्यूटर / Computer - Technology
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
148
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दोहसे रगे हुए जूते (आ)
ˆ द्िन्दौ रिकस कमीशन फे सामने जो गवाह पेश हुए
उनके इजहार से नीचे लिखी गवाहियां उद्धृत की गयी हैं ।
उन पर विवेचन करना अनावश्यक है । यदि मांसभोजन करना
दोष दहं तो वेध किये हुए जानवरों के चमडे के जूते पहनना
भी उतना ही दोष गिना जाना चाहिए । क्योंकि ऐसे जूते
पेहननेवाले और मांसाहारी दोनों ही पशुवध को एकसा बढावा
देते हैं। दयाधर्मी धनाढथों का यह परमधम है कि वे ऐसा
प्रबन्ध, करें कि लोगों को मरे हुए ढोरों के चमडे के जूते
मिल सकें और वे पशुवध के पाप के भागी बनने से बच
जायें ।
( ४० २५४, सर लोगी वाटसन )
स० चमडे का बाजार क्या यहां तक हमारे कब्जे में है
कि उस पर कितना ही टिकस क्यों न लगाया जाय, दूसरे देशों
को हमारा चमडा खरीदना ही होगा १
ज० यह बात तो नहीं है । १९१२-१३ में और लडाई
के पहले १९१४ के आरंभ में भी इस देश में केवल खाल के
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