नवीन व्याकरण भाग - 1 | Navin Vyakaran Bhag - 1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Navin Vyakaran Bhag - 1 by सद्गुरुशरण अवस्थी - Sadgurusharan Awasthi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about सद्गुरुशरण अवस्थी - Sadguru Sharan Awasthi

Add Infomation AboutSadguru Sharan Awasthi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
০৫ = ~ फिसी काम का करना या होना । ऊपर के शब्दों में दम किसी काम का करना या होना भ রঃ ~ च ~ 2 हैं। इन्द क्रिया कदते ष्ट! उम्से हमनेसीखाकि क्रिया है जो किसी फाम का करना या रोना अतल्लवि। अम्पास १--क्रिया की परिभाषा बताओ । नीचे के वाक्यो म क्रिया खयि -- द्श्ग्यद्ययोध्याकेगडा भे) खेत म श्रद्‌ জুন पेंदा हुए। বীলর্বী কা पुल दृठ गया। कं पानी चरसा था! मिठाई मेँगवाओं एस पड़ में आराम जल्द पर्केंगे न ३-- खाली स्थानों में फ्रिया की पूर्ति करो :--- नेवले ने सॉप को--1 बहुत पानी गिरने से मकान की छतत--..3 छब्रेर टंढी हबा----1 जंग मे मोर-----1 अपने मित्र को चिहद्दी--। अध्याय ६ शब्दों फे भेद सर्वनाम *“शुरुणी ने राम को पुस्तक दी दै क्योकि वह्‌ उसे यदत प्रमन्न ६ | » मोहन ने इयाम से कहा कि में खाज़ हरि को लेकर तुमसे मिलने आ्ँगा, क्योंकि बह्द शोघ्य कलकत्ता चक्षा जावेगा । « नो पुस्तक बाजार से आई थी वह गो गई, इसलिए उस कि বগা | ते हि श न्ट करता চি भग्नः)




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now