आधुनिक हिंदी साहित्य की भूमिका | Aadhunik Hindi Sahitya Ki Bhumika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
548
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय - Dr. Lakshisagar Varshney
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्रू नक्र हिन्दी साहिद के
गालोच्यकालीन साहित्य के अध्ययन 2 শর কাজ গান টা
कि काव्य दी साहित्य का प्रधान अंग था। यह कांस्य परवराधयिहिस :
उसमें नवीन भावों, विचारों क्रीर अभिव्यंजना-प्रगाली का श्रमः
परिवरतित परिस्थितियों के कारण गद्य-तेत्र में ही हमें नदीनता के दश
हैं। विपय का अध्ययन करते समय हम सबप्रथम पीटिका के কও
विभिन्न परिस्थितियां पर विचार करेंगे जिनके कारण काश्य में प्राचीनता
रही ओर गद्य को नवीन प्रोत्ताइन मिला। तलश्चात काव्य साहित्य
गद्य साहित्य तथ[ उसके विकास के विभिन्न माध्यमों का अध्ययन ट
जायगा। अध्ययन अलग-अलग होने पर भी उनमें परनिष्ठ पारस्परिक सं:
हैं, क्योंकि पीठिका में यही दिखाने की चेप्ठा की गई हे कि जिस समाज
काव्य साहित्य ओर गद्य साहित्य का निर्माण हुआ वद॒ कैसा था। इसलि
बस्तुतः उनमें अंतर्निदित एकसूजता द ।
हिन्दी साहित्य का अध्ययन करते समय प्रायः कुछ महत्त्वपूर्ण समस्याएँ
छोड़ दी जाती हैं। वैसे देखा जाय तो साहित्य का अध्ययन करने से पूर्व
इन समस्याञ्रों का अध्ययन करना परम आवश्यक हे | इन समस्याश्रों में
सबसे प्रधान समस्या हैं कि जब दो विभिन्न जातियाँ आपस में एक दसरे के
संपक में आती हैँ तो वे किस प्रकार एक दसरे के जीवन को--अ्ंततः
साहित्य को--प्रभावित करती हैँ। इस प्रकार के सांस्कृतिक विकास या हास
में किसी देश या प्रदेश की मोगोलिक परिस्थिति का बड़ा हाथ रद्दता है।
मोगोलिक परिस्थिति के कारण एक देश के ऐतिहा[सिक, राजनीतिक, सामाजिक
तथा अन्य सांस्कृतिक विकासों का रूप निर्धारित होता हैं, विदेशों के साथ
ঘন स्थापित हो सकने या ने हो सकने के कारण मावों और विचारों की
गतिविधि पर प्रभाव पड़ता हैं । पैदावार, श्रौद्योगिक विकास और संगठन तथा
वातावरण से सामाजिक और अंत में राजनीतिक झुपरेखा का निर्माण होता
हैं। और भी ऐसी अनेक बातें हूँ जिन पर मौगोलिक परिस्थिति का प्रभाव
पड़ता ह--विशेष रूप से आधुनिक समय में जब्र कि भूगोल का सोच-समभः
कर प्रयोग किया जा सकता है। कुछ और ऐसे कारण मी हैं जिन्होंने मानव
जाति का इतिहास एक विशेष दिशा की ओर मोड़ा दै, किन्तु भूगोल भी
उनके अतिरिक्त एक महत्त्वपूर्ण कारण रहा है | इसलिए हिन्दी प्रदेश के
इतिहास ओर सांस्कृतिक परिस्थितियों का अध्ययन करने की दृष्टि से उसके
भूगोल पर भी संक्षेप में विचार कर लिया गया है। भारतीय इतिहास और
ध
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