छायावाद का छान्दोनुशीलन | Chhayavad Ka Chhandonusheelan

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Chhayavad Ka Chhandonusheelan by गौरीशंकर मिश्र - Gaurishankar Mishra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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छायावाद का छदोऽनुशीलन १३ श्रीधर पाठक, महावीरप्रसाद द्विवेदी, अयोध्या सिंह उपाध्याय, লালা भगवानदीन,” राय देवीप्रसाद पूर्ण, कन्दैयालाल নীলা, रामचरित उपाध्याय,” गिरिधर शर्मा, झरूपनारायण নাউন,ই रामचंद्र शुक्ल,” लोचनप्रसाद पांडेय,११ लक्ष्मीधर वाजपेयी, * गोपालशरण सिंह, * वियोगी हरि,!” गोविंद दास,?* मैथिलीशरण ६ आदि के नाम लिए जा सकते हैं। हरिओध ने तो प्रियप्रवास' की आद््येपांत रचना संस्कृत वर्णवृत्तों में कर हिन्दी साहित्य में भारी उधल-पुथल मचा दी । प्रियप्रवास केवल भाव के क्षेत्र में ही नही, छंद के क्षेत्र में भी अपने युग का एक क्रांतिकारी काव्य रहा । प्रियप्रवास से पूर्व हिन्दी साहित्य में ऐसा एक भी प्रवंघ काव्य नही, जो आद्योपांत संस्कृत छन्दो मे रचित हो भौर अंत्या- नप्रास से सवथा मुक्त हो 1 आगे चलकर अनूप शर्मा ने सिद्धा कौ स्वना कर प्रियप्रवास की कड़ी -को आगे बढ़ाया 1 खड़ी बोली उर्दू-पद्य में पहले बहुत कुछ मेज चुकी थी। भारतेन्दु-युग के कुछ कवियों ने (भारतेन्दु, प्रतापनारायण) उर्दू-रचनाएँ तो कीं ही, जब « कविता-कौमुदी--गोपिका-गीत से, पृ० ११६ । . वही, विचार करने योग्य बातें, कत्त व्य पंचदशी से । . प्रियप्रवास (संपूर्ण) पारिजात । . दीनग्रंयावली, प्रथम भाग, पु० २३३-२४८, २५८, २६४ आदि। . कविता-कौमुदी : मृत्युंजय ! कविता-कलाप : रसा शुक-संबाद । . बही, --कोकिल, वंवई का समुद्रतट, मेघदूत का अनुवाद 1 . बही, --विधि विडंबना, पूवं स्मृति, अंगद सौर रावण 1 वही, --पुस्तक प्रेस 1 वही, --दलित कुसुम । . वही, --शिशिर पथिक, उपदेश 1 . वही, ~ काल कौतुक, ग्राम गौरव 1 १२. वही, --सज्जनों का स्वसाव । १२. वही, --हृदय की वेदना, विरही 1 १४. वही, --शिखरिणी 1 १५. वही, --वर्षा, उषा का विवाह 1 १६. पत्रावली आदि 1 ० आ+ ही তে < < ‰ ~ 5 ० -~2 9




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