राजस्व | Rajasv
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
154
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषयप्रवेश १५
कृद्रीय सरकार के आयव्यय-अनुमानपत्र में निन्नलिखित बाते
रहती है
१-- सिविल विभागों का ्ायभ्यय-अनुमान; तथा चीफ़ कमिरनरों
के प्रांतों का आयब्यय-अनुमान (ये भ्रांत केदीय सरकार द्वारा ही
शासित होते हैं। )
२--डन विभागों के आयच्यय का अचुमान, जो समस्त देश के
लिए आवश्यक हैं, यथा, फ़ौज, रेल, डाक, तार ।
३--इंडया आफ़िस के आयब्यय का अनुमान |
४--भारतवर्ष के हाई कमिश्नर संबंधी आयव्यय का अनुमान ।
आयदब्यय-अनुसानपत्र किस प्रकार तैयार किया जाता है (--
भाय; अगस्त या सितंबर के महीने म अस्येक भंत में सि्न-मिन्न विसागों
के मुख्य अधिकारी ्रगके वषं की झाय और व्यय का अनुसांव प्रांतीय
सरकार के पाख भेज देते है । च॑ को दो भागों मे बोट कर दिखाया
जाता हैः-
१--जो श्चं खाधारणतया सदैव होता रहता है, और सरकार द्वारा
स्वीकृत हो चुका है, जैसे सरकारी कर्मचारियों का वेतन ।
२--जो खूर्च नया होता है, अर्थात् उस वर्ष विशेष करना होता
है। भिन्र-भिन्न विभागों से प्रास इए नक्तो को पुकन्रित कर के आंतीय
सरकार के संबंधित सदस्य सरकार ह्वारा स्वीकृत ख़र्च का एक नक्शा बना
देते हैं । पश्चात्, भ्र्थ-सद॒स्य इन सब नक़्शों की अच्छी तरह जॉच कर के
इन सब का एक नक्शा बनाता है। नए खचे की जो रक्में होती हैं, वे
विचारार्थ अर्थ-समिति में पेश की जाती हैं, जिस में अर्थ-सद्स्य के अतिरिक्त
व्यवस्थापक-संडल के कुछ निर्वाचित सदस्य होते हैं। जब यह समिति
इन ख़र्चो' को स्वीकार कर लेती है तो इन के अंक आयव्यय अजचुमान-
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