धीरे बहो, गंगा | Dheere Baho, Ganga

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Dheere Baho Ganga by देवेन्द्र सत्यार्थी - Devendra Satyarthi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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र्‌ बा 3४ > धीरेबहो,गंगा! ` खेलियां,लच्मण सूले की विकराल दुष्टा में से छूटनेके बाद हरिद्वारके समीप कई ... धाराओं में विभक्त होकर इसका स्वच्छुन्द विहार,कानपुरसे सटकर जाता हुआ इस _ का इतिहास-प्रसिद्ध प्रवाह.तीर्थराज प्रयाग ऊ विशाल पाठ के ऊपर इसका यमुना ` के साथ लोक-पावन त्रिवेणी-संगम--हरेक की शोभा कुछ निराली ही है | एक. इश्य को देखकर दूसरे की कल्पना ही नहीं हो सकती । हरेक का सॉदय जुदा, दरेक का भाव जुदा, हरेक का वातावरण जुदा और हरेक का मह्दात्म्प जुदा है 7 गंगां ते जमनास्कीयांभैणां ` এশার दोवें रल नहावन चल्लीयाँ राम ! --गंगा और यमुना सहोदरा बहिन हैं, दोनों मिलकर स्नान करने चली हं, हे राम] पंजाबी लोकगीत का यह बोल मेरे हृदय में प्रतिध्वनित हो उठता है। गंगा ओर यमुना के उद्गम स्थानों - की यात्रा करने के पश्चात्‌ किल्ली गृहदेवी के कंठ से ये शब्द निकले होंगे, ऐसा लगता है। गंगा और यमुना को सहोदरा बहिनोंके रूपमें देखनेकी बात बड़ी हृद्यस्पर्शी है। भव्यता का भसख्डार हिमालय हे दोनों बद्दिनों का पीहर है। काका कालेंलकरू ने भी उन्हें बहनों के रूप में টু अपनाया है--दोनों बहिनों में गंगा से यमुना बड़ीं है, प्रोंढ़ है, सयानी और गस्भीर है। वह कृष्ण-भगिनी द्रोपदी जेसी कृष्णवर्णा और घेसी ही मानिनी भी है। गंगा वो मानो बेचारी मुग्धा शकुन्तल्ा ही ठहरी; तो भी देवाघिदेव ने उसे अज्ञीकार किया ऑर इसीलिए यमुना ने अपना बढ़प्पन छोड़कर. गंगा को ही अपनी सरपरस्ती साँप दी। ये दोनों बहिनें. आपस में मिलने के लिए बढ़ी उतावली दख पड़ती हं । हिमालय मं एक जगह पर तो दोनों बहूव ही नज्ञदीक भा जाती हैं;पर ईर्ष्यालु दंडाल पहाड़ बीचमें विध्न सन्‍्तोषीकी तरह आड़े आकर उनका सम्मिलन नहीं होने देता! १ 0 < गद़वालौ लोकवात्ता में एक ऋषि की गाथा आज भी सुरक्षित है। परसुना तीर पर इस ऋषिकी कुटिया थी,पर उन्होंने यह शपथ ले रखी थी कि हर रोज गंगा में स्नान किया करेंगे। वर्षों तक डनका यही कार्यक्रम रहा । सेन गंगा पर नहाने जाते ओर यमुना के तीर पर अपनी कुटिया में लौट आते । फिर. _ जब वद्धावस्था के कारण गंगास्नान कटिन होगया तो गंगा सेया को ऋषि पर . दया आगई ओर अपने अतिमिधि के रूप एक भरना অন্ুলা বীহ पर ऋषि की. _ कुंटिया के समीप ही भेज दिया । कई वर्षों तक ऋषि इस शने में स्नान करते




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