मौलाना रूम और उनका काव्य | Maulana Room Or Unka Kavya

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Maulana Room Or Unka Kavya by जगदीशचंद्र वाचस्पति - Jagdeeshchandra Vachspati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ६ ) यही मौलाना रुम हैं जिन्दोंने अपने दीघेकालके स्वाध्याय और प्रवचन नियमसे प्रतिष्ठा पाकर सर्वेलाधारणके हृदयम स्थान पाया और अपने जीवनके साथी हस्लामुद्दीन चिल्पीकी उत्कट प्रेरणासे 'मस्नची मानवी” जैसी अद्भुत तथा शिक्षाप्रद्‌ पुस्तक लिखी जिसका न केव उनके जीवनकाले ओर सत्यु के वाद्‌ फारसी आदि दैशमिं प्रचार हुत्रा वहिक आज़ भी संसारकी विख्यात भाषाओंमें उसका अनुवाद हो गया जिसके कारण प्रत्येक आत्मानुरागी और विद्या-व्यलनी उनकी पवित्र छतिसे लाभ 5ठा रहा है। फ़ारसी साहित्यमें हदीका और मस्नवी अत्तारके बाद यदि कोई उत्तम आध्यात्मिक पुस्तक है तो वह 'मस्नवी रूप, ही है। वैसे तो फ़ारसीमें मीलानाकी मस्नवीसे बढ़कर आचार, नीति और सम्यताकी व्याझ्या करनेवाला कोई ग्रन्थ नहीं पर साथ ही आत्मवियाका जसा वर्णन इस श्रथमे है और किसीमें नहीं है। इसोलिये इस पुस्तककों जितनी उपादेयता और विख्याति प्राप्त हुई है उतनी किसी और ग्रथको नही हुई । मसनवाकी | सवाल होता है कि वह कौनसे कारण हैं कि प्र्िद्धिके | फारसी साहित्ये मस्नवीका स्थान सवसे ऊचा कारण | ই। जद्दांतक हमारा घिचार है मछणी इसलिये प्रसिद्ध नही है .कि वह मौलाना रूम जैसे लेखककों ' छेखनीसे निकलो है ओर न इसलिये ही मशहूर है कि इमननी चहत॑ आकारवाली है तथा न इसलिये ही लोग उसे पसन्द करते हैः




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