जैन धर्मं का प्राचीन इतिहास | Jain Dhram Ka Prchin Itihas

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Jain Dhram Ka Prchin Itihas  by परमानंद जैन शास्त्री - Parmanand Jain Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तामानतुकमणिका घनपाल ३०७ धर्मधर ५२२ (प्रभितव) धर्मभूषण ५१२ ध्मसेनाचा्यं २४५ धरसेन ७० नन्दिमित्र (श्र तकेवली ) ४६ नयकीतिमुनि ३७३ नयनन्दी २७६ नयसेन २६४ (प०) नरसेन ४५३ नरेन्धकीति त्रैवि्य ३५३ नरेन्द्रकीति श्विद्य ४१२ नरेन्द्रसेन ३६१ नरेद्धसेन (प्रथम) २६३ नरेन्द्रसेन त्रिविथ चन्देश्वर (द्वितीय) २६३ नेत्विगंद नादिराज ४३१ नागचन्द्र ३३७ नागचन्द्र (सूरि) ५०७ নামইন ২২৬ नागनन्दी २३६ (कवि) नागव नागवमं (द्वितीय) २१४ नागवर्म (प्रथम) २१४ (कवि) नागराज ৫০ नागसेनगुरं १५६ नागसेन गुर १२७ नागहस्ति १२१ नेमचन्द्र ५०० (पंडित) नेमचन्द्र ३७२ प० नेमिचन्द्र (प्रतिष्ठत तिलक के कर्ता) ५२२ तेमिचन्द्र सि० चक्रवर्ती २६१ (ब्रह्म) नेमिदतत ५११ नेमिदेवाचायं २१६ नैमिषेण २८७ प० मेधावी ५२४ पण्डिते हूरिचन्द ५२३ पद्मकीति २४२ पप्मनन्दि मलधारि ३२८ पद्मनन्दि मलधारि ३०६९ पदनन्दि यत्ती २६७ पश्ननन्दी (जबूद्वीपपर्ष्णत्ति ०) २७२ १९ धश्रनन्दी ३२५ पद्यनन्दी २६२ पद्यनाभ कायस्य ५८७ पश्रसिह्‌ ३०६ पद्यसेनाचायं २७६ परवादिमलय १५५ (कवि) परमेद्वर १४२ पात्रकेसरी १३१ पाइवंपण्डित ४२६ पुष्पदत्त ७१ (महाकवि) पृष्पदत्त २५२ कवि पौन्न २१५ प्रभाचन्द्र ३७५ प्रभाचन्द्र ३७१५ प्रभाचन्द्र ४८३ प्रभाचन्द्र ८४० प्रभाचन्द्र ४२५८ प्रभाचन्द्र ३६१ भटारक प्रभावन्द्र ४३२ प्रमाचन् २६२ प्रभाचन्दत्र॑विष्म ३७१५ प्रभास (गणधर) २२८ (पटित) प्रवचनसेन २५८ वन्धुपेण २२७ १ वप्पनन्दी २२७ २ वलदेवगुर १५६ वलक पिच्छ ६१ बालचन्द्र ३३३ वालचन्द्रसिद्धान्तदेव ३६० वालचन्द्र पडितदेव ४२५ बालचन्द्रकवि ४३६ बालचन्द्र मलधारी ४३२ बाहुवलि प्राचार्य ३२४ बाहुबलिदेव २१३ बोप्पण पडित ३३४ ब्रह्मृष्ण या केशवसेन सूरि ५३१ ब्रह्मणीवधर ५२१ ब्रह्मदेव ३२० ब्रह्मशिव -- ब्रह्मसेनन्नतिय २७४५ (कवि) भगवतीदास ५४८




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