पुरातत्व साहित्य कला एक दृष्टि | Puratatv Sahitya Kala Ek Drishti
श्रेणी : भारत / India
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
81
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)12) पुरातत्व-साहित्य-कला ' एक दृष्टि
था। दोनों में बड़ा प्रेम था । बड़ा दुःख हुआ कि वह मर गया, भरी जवानी
में मर गया वह 18 জাললী उम्र में । |
जरा खयाल कीजिए पुराविद् के तत्वावधान का,उसके समीक्षक का, उप्तकी
बरदाशइत का, उसके धेये का, उसकी निर्भयताका। जमाने से लिखा जा रहा
था और श्राप श्रगर जुमाने से अखबार पढ़ते रहे हों तो शायद श्रापको याद हो ।
मैं भी बच्चा था लेकिन मैंने पढ़ा था; बारह साल का था मैं ! द सन् 22 का
किस्सा है जो अखबारों में निकलने लगा। तृतनखामन की कब्र उससे पूर्व
जिसने भी खोदी सभी मृत्यु के ग्रास हो गये --। क्योंकि तृतनखामन की ममी
पर लिखा हुआ्ना है कि-- “तृतनखामन यहां सो रहा है, कोई उसकी निद्रा भंग
न करे; जो उसकी निद्रा को भंग करेगा, उसकी निद्रा की अशांत करेगा, वह
प्रकाल ही कालका ग्रास बन जाएगा। और फिर, देश सेवक ते निकाला कि लांडं
हैंड्सबनी 'अनतायास अ्रपते मकान की सातवीं मंजिल की खिड़की से कूद कर मर
गये । ये दूसरे काल के ग्रास हुए थे। विक्सतरेगा का लडका, ओ हावडंटाजैन
था, जिसने तृतनखामन की कब्र खोदी थी; वह अच्छा - खासा शाम को,
रात को बाथरूम में घुसा और जब सुबह तक नहीं निकला तो लोग कह उठे
श्रनायास, मर गया। और, हावडंटाजेन का साभीदार लॉड्ड मोरत, इंगलैंड
का रहने वाला था; उसकी तो पत्नी गई, भाई गया क्योकि सबने हाथ लगाया
था उसमें; उसकी बहिन भी गई।
: चाहे जितने प्रयत्न किए गए अखबारों में वैज्ञानिक कारण बताने के; कोई
ज्वर से मरा, कोने से मरा, कोई किसी से मरा, . तपेदिक से मरा। पर
किसी ने विश्वास नहीं किया । अखबार यही लिखते रहे । वहीं कार्टर श्रमेरिका
से आकर यहां बंठा; क्योंकि बहुत जूमाने से इस बात की कोशिश हो रही थी
कि तृतनखामन की कब्र खोद ली जाए, उसे पहिचान ली जाए। बड़े-बड़े राजा
और महाराजा वहां हुए थे, उनकी मम्ियाँ निकाल ली गई. थीं। यूरोप के,
अमेरिका के, -काहिरा: के संग्रहालयों में ये सुशोभित हुई थीं । लेकिन तृततखामन,
| जिसका जिक्र बराबर चला भ्रा रहा था; उसकी कत्र ग्रपराजेय मानी जाती थी,
ऐसा लोगों का विश्वास था । लोग उसकी खोज में पड़ ।
सालों बीत गये 1 1868 से उसकी खुदाई हो रही थी लेकिन कुछ पता
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