भारतीय शासन | Bhartiya Shasan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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४ ` भारतीय शासन को एक इकाई माना जाय । पिछले वर्षों में पाकिस्तान और भारत के आपसी) सम्बन्ध में बहुत तनातनी रही | इस समय भी कश्मीर, भारत में आये हुए. शरणार्थियों की सम्पत्ति और सिन्ध तथा पश्माब की नदियों के पानी आदि के विषय में बहुत उलमने' हैं। आवश्यकता है कि पाकिस्तान अपनी साम्प्रदायिकता हटाकर भारत के साथ एक अच्छे सहयोगी पड़ीसी का ब्यवह्यर करे | आधुनिक जगत में किसी राज्य का एक विशेष सम्प्रदाय के अनुसार संचालित होना अन्ततः अव्यावह्रिक और अनिष्टकर होता है । भारतीय संघ का क्षेत्रफल ओर जनसंख्या--पाकिस्तान का अलग राज्य बन जाने पर भारतीय संघ का क्षेत्रफल १२,६६,६४० वगमील रह गया । भारतीय অন্তর की जनसंख्या, १६५१ की गणना में ३५,६८,२६,- ४८५ थी। पिछले दस वर्षों में चार करोड़ बीस लाख की, अर्थात्‌ १२॥ प्रति सैकड़ा की वृद्धि हुई | इन आँकड़ों में जम्मू-काश्मीर और आसाम के कबायली क्षेत्र शामिल नहीं हैं | जम्मू-काश्मीर में विशेष परिस्थितियों के कारण सन्‌ १६५१ म॑ जस-गणना न हो सकी थी | यहाँ जनसंख्या ४४ लाख १० हजार होने का अनुमान किया गया | आसाम के कवायली चेत्र मं कभी नियमित रूप से जन-गणना हुई ही नहीं | स्थानीय अनुमान के अनुसार सन्‌ १६५१ में यहाँ की आबादी ५ लाख ६० हजार थी। इस प्रकार भारतीय संघ की कुल जनसंख्या ३६ करोड़ से ऊपर है। इसमें कोन-कोन से राज्य सम्मिलित हैं, यह आगे बताया जायगा । यहाँ कुछ श्रन्य बातों का विचार करना है | नेपाल, भूटान ओर सिकम--ये तीन राज्य ऐसे हैं जो भारत से मिले हुए हैं, पर भारतीय सद्ठ के अंग नहीं हैं | नेपाल राज्य हिमालय के दक्षिण में, अधिकांश में पहाड़ी राज्य है | इसकी लम्बाई पाँच सो मील से अधिक ओर चोड़ाई एक सो चालीस मील है | यहाँ की जनसंख्या साठ. लाख है । क्षेत्रफल छप्पन हजार वगमील है | नैपाल के छोटे-बड़े कुल २२ भाग हैं। यहाँ का प्रधान शासक 'महाराजाधिराज श्री पाँच सरकार! कहलाता है | शासन-सत्ता प्रधान मन्त्री के हाथ में रहती थ्रायी है, यह महाराज तीन सरकार कहलाता है। भारत की पराधीनता के समय यहाँ शासन स्वेछाचारी




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