आकर्षण शक्ति | Akarshan Shakti

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Akarshan Shakti by गुलाबराय - Gulabrai

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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निभेर है। जातियोंकि क्रम विकास परिश्रम और तत्परतासे दोते हैं । आज जो देवा पतनके गहरे गढ़ में गिर पढ़े हैं, उनमें सिवा अन्घकारके रोशनीका नाम तक नहीं नजर आता । उनकी घणित कहानी यह है कि उन देशोंने कभी मनुष्योकों आलस्यकी नींदसे नहीं जगाया। यदि हम मनुष्यों - को त्रटियोंको खोज करने बेठे-तो वे हमें रास्ता चलते दिखाई देंगी 1 वे त्रटियां हमेशाके: लिये नष्ट कर देनेका एक हो उपाय है--दम पढले कायापलट कर दें ।. हमारे दैनिक अनुभवॉसि यह बात सिद्ध है, कि आत्म- ..... नीच प्रकृति है ? दुनियामें तुम्हें ऐसी डा .... देशोंकि विद्याथी स्कूल और कालेजॉके दरवाजेसे निकलकर ज्ञान -समुद्रका ज्यादा ज्ञान परम पिता परमात्माकी आनन्दमयी सषिसे प्राप्त होता है, किसी भी देशका उत्थान पतन उसके ख्त्र आकषण-दाक्तिपर ं अपनेको पहचाने-फिर प्रत्येक मजुष्यके जीवन को नये सांचेमें ढालकर उनकी. गौरव और सुकमे दी जीवनमें हेर फेर करते हैं आज ,द्रम स्कूल .. तथा कालेजॉंसे उँची डिप्रियां लेकर अपनेकों महा विद्वान समसते हैं और 'ठके टकेकी नौकरीकों दर-बदरकी ठोकरें खाते फिरते हैं-इसके बाद पेटकी आाराधघनामें ऊगकर सरस्वतीको हमेशाके लिये प्रणामकर लेते हैं--यहद केसी प्रकृति कद्दीं न मिलेगी ।... दूसरे मन्थन करने लग जाते हैं और उससे अमृत्य निधियां प्राप्त करते हैं । क्योंकि के




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