श्रीजैनसिद्धान्तप्रवेशिका | Shri Jain Siddhant Praweshika
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
196
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१३)
बाधा आती है। क्योंकि शाख्रमें पाषको दुःख देने-
वाला लिखा है ।
५८ स्ववचनबाधित किसको कहते हैं!
५८ जिसके साध्यम अपने वचनसे ही बाधा आवै ।
जेसे- मेरी माता बन्ध्या है । क्योकि पुरुषका संयोग
होनेपर भी उसके गभ नहीं रहता ।
५९ अनुमानके कितने अग हैँ !
५९ पांच हैँ । प्रतिज्ञा, देतु, उदाहरण, उपनय
और निगमन ।
६० प्रतिज्ञा किसको कहते हे
६० पक्ष जौर साध्यके कहनेको प्रतिज्ञा कहते है ।
जैसे--““इस पर्वत अभि है |”
६१ हेतु किसको कहते ই?
६१ साधनके वचनको (कहनेको ) हेतु कहते
हैं । जैसे--“क्योंकि यह धूमवान् है ।”
६२ उदाहरण किसको कहते हैं ?
६२ व्याप्तिपूर्वक दृष्टान्तके कहनेको उदाहरण कहते
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