मैं भूल न सकूंगी | Main Bhool Na Sakoongii
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
148
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ऐसा शौक बन गया कि कई बरतों तक में हाइलपाकें और वाशिगटन मेँ
घुड़सवारी का आनन्द लेती रही ।
बा स्प्िग्स के हमारे शुरू के दिनों में फ्रेकलिन के साथ उनकी सेक्रेटरी,
कुमारी लीहेण्ड मुझसे अधिक तमय तक रहीं । मेरे ऊपर चारों बल्चों--अन्ना,
एलियोट, फ्रेकलिन जूनियर और जॉन का भार था जो कि न्यूयाके के
हमारे घर में रहकर या हाइड-पार्क मे अपनी दादी के साथ रहकर स्कूल
जाते थे। इसके अ्र्लावा में थोड़ा-बहुत राजनीतिक कार्य भी कर रही थी ।
राजनीतिक कार्य लुई होवे के प्रोत्साहन से अधिकतर किया गया था जो कि
एक बार फिर मेरे पति का सेक्रेटरी और सहकारी बन गया था |
लुईं कभी-कभी बीच-बीच में थार्म स्प्रस्स जाता था लेकिन न्युयाकं
में रहकर वह निरन्तर काम में लगा रहता था। मेरा खयाल है कि वह उन्हीं
दिनों तय कर चुका था कि मेरे पति किसी-न-किसी दिन एक बार पुनः सार्ब-
जनिक जीवन में पदापण करेगे । अतः उसने अपनी योजनाएं इसी आधार
पर बनाई थी ओर वह .इस उद्देश्य-पूर्ति के लिए जिस किसी को उपयोगी
समभता उससे काम लेता था |
फ्रेंकलिन के राजनीति मैं सक्रिय भाग लेने से पूर्व इन वर्षों में कई काम
मेने लं होवे की सलाह से फ्रेकलिन की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए किये ।
डेमोक्रेटिक स्टेट कमेटी के स्त्री-विमाग में मुझे सिफ्रे इसीलिए नहीं ठकेला
गया था क्योंकि लुई को मेरे कार्यो सें दिलचस्पी थी बल्कि इसलिए कि मेरे
इन कार्मो से लोग-बाग घर में आयंगे और वे राज्य की राजनीति में फ्रेंकलिन
कौ दिलचस्पी बनाये रमे |
मेरा मुख्य कार्य स्त्री-विभाग के कामों के लिए रुपया इकद्धा करना था।
में आज भी इस कार्य को महत्वपूर्ण सममती हूँ क्योंकि यदि सत्री-विभाग के
पास अपना छुद का पैसा है तो वह अपनी योजनाएँ बनाकर उन्हें कार्या-
न्वित कर सकता है। मैंने देखा है कि कई बार जो काम स्थ्रियों द्वारा किया
जाता है पुरुष उसे महत्वपूर्ण नहीं मभते, जो कि स्टेट कमेटियों के अध्यक्ष
होते हैं। स्वी-विमाग के लिए रुपया इकछा करने और उडेमोक्रेटिक स्टेट
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