नयी कहानी की भूमिका | Nayi Kahani Ki Bhoomika

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नयी कहानी की भूमिका : १७ नैतिकता को भंग करता है और व्यक्ति की नैतिकता को प्रश्नय देता है, जो काले रौर सफेद की धामिक मान्यताओं को अस्वीकार कर मनुष्य के उन नये मूल्यों को प्रश्नय देता है, जो उसके अस्तित्व की अनिवार्य शर्ते बन गये हैं। वह धारमिक मानवत।वाद से पृथक्‌ न्याय ग्रौर समता पर आधारित व्यापक मानवीय मूल्यों को प्रंगीकार करता है“ , ओर नया कहानीकार यह्‌ सव धर्म, दर्शन, तंत्र या मतवाद के मातहत नहीं, परिवेश मे श्राकंठ डवे मनुष्य कौ श्राकांक्षाओं और अपेक्षात्रों के मातहत ही स्वीकार करता है | नई कहानी इसीलिए मानव-मानव के नये उभरते और शक्ल लेते या टूटते सम्बन्धों को सबसे पहले रेखांकित करती है, क्योंकि वह अपने “मैं! से निकलकर वह्‌ या उसकी ' प्रामाणिक अ्रभिव्यवित करती है, और अपने “मैं' से निकलकर जैसे से ही वह दूसरे से सम्बद्ध होती है, लेखक प्रतिवद्ध हो जाता है। नये कहानीकार की प्रतिवद्धता का अर्थ इसीलिए जीवन से प्रतिबद्धता का है, मत-मतान्तरो, फेशनों या वादों से श्राक्रांत होने का नहीं । प्रामाणिकता श्रौर कथ्य का कालांकित (डेटेड) होना, दो विशेष वातें हैं, जो नयी कहानी के संदर्भ में उठती हैं | प्रामाणिकता अर्थात्‌ भूठ और असंगत को कहानी के शिल्प और कथ्य के स्तर पर वरावर तराशते जाना, यानी सहजता की खोज । यह्‌ सहजता इकटरेपन का पर्याय नहीं है, वल्कि संश्लिष्ट यथार्थ को उसके सभी आयामों मे से खोजकर बिना किसी तनाव या अतिरिक्त रोमेंटिक लगाव के अभिव्यदत कर सकना है । प्रामारिषकता एक ओर अनुभव की सचाई की णर्त है तो दूसरी ओर सचाई को प्रौढ़ता से मेलकर श्रथों तक पहुंचाने की पहचान भी है । इसीलिए नयी कहानी मात्र जीवन-खण्डों या घनीभूत क्षणो का सम्प्रेपण न होकर, उनमें निहित श्रथों या मूल्यों की कहानी है, जो अनेक स्तरों पर घटित होती है, अभिधात्मक रूप में वह स्थिति-विशेष, जीवन-खण्ड या घनीभूत क्षण की सच्ची प्रस्तुति है, तो व्यंजनात्मक रूप में वही मानवीय सम्बन्धों, घटना या क्षण को नये भ्र्थों तक ले जाती है। ये अर्थ उत्त यथार्थ से ही फूटते हैं, जिसे लेखक कहानी के लिए चुनता हैँ । अतः आज कथ्य के चुनाव का दृष्टिकोण महत्त्वपूर्ण है, और इसीलिए अ्थंगर्भा स्थितियों की महत्ता सहज ही वढ़ गई है और नई कहानी परिवेश से उद्भूत प्रामारिशक अनुभव की गंभीर संवेदनशीः प्रतीति है, घटनाक्रम का वाचाल चलचित्र नहीं 1




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