कल्याण मन्दिर स्तोत्र | Kalyan Mandir Stotra

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Kalyan Mandir Stotra by पंडित कमलकुमार जैन शास्त्री -Pt. Kamalkumar Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आवेदन श्री कुन्थूसागर स्वाध्याय सदन खुरई को ओर से बहुत समय पूर्व श्री भक्तामर महाकावग्य का एक सर्वाद्धीण सुन्दर सस्करण श्री प० कमलकुमार जी शास्त्री 'कुमुर्दा खुरई द्वारा नवीन भाव- पूर्ण सरल पद्मानुवाद, श्र्थ भावार्थ, ऋद्धि, मत्र, साधनविधि, फल एवं श्री सोमसेनक्ृृत भक्तामरकाव्यमडल सस्कृतपूजा उद्यापन श्रादि सहिन सम्पादित करा कश २००० की सस्या मे प्रकाशित किया गया था हषं है कि धार्भिकं जेन-जनतामे उसका सतोषजनक स्वागत हुआ ( समस्त जैन पत्रो एव करई जनेतर सार्वजनिक समाचारपत्रोने भी उसकी मूक्तकठसे प्रयासा की थी । उसकी बढती हुई माग को उसको लोकप्रियता श्रौर उपयोगिता का प्रमाण मान कर प्रोत्साहित हो हम श्रपनी पूवं सूचनानुप्नार प्रव यह ससार के प्रसह्य कष्टो से छडाने वाला, विविघ उपद्रव विनाशक वा पापनाशक श्री कल्याण मन्दिरस्तोच लिकर आपके सामने उपस्थित हो रहे है । श्री कुमुदचन्द्राचार्य की यह अमर रचना धार्मिक जेन समाज मे बडी ही रुचि और श्रद्धा के साथ नित्य नियमित पठन-पाठन की वस्तु मानी जाती है। उत्तमकाव्य की वे सभी विशेषताए' इसमे बडी ही सुच्करता के साथ समाविष्ट है, जो इसके अध्ययन-मनन करने वालो को मुग्ध और आत्म-विभोर कर देती हैं । कवि ने भगवान ঘাহনলাখ লী भक्ति में श्रपने आपको खोकर लोकोत्तर कल्पनाओझो द्वारा मानवकल्याण की साधना के लिए एक ऐसी सीढी तेयार कर दी है, जिस पर से




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