सुनो कहानी मनफर की | Suno kahani manfar ki

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Book Image : सुनो कहानी मनफर की - Suno kahani manfar ki

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्र सुनो फद्दानी सनफए की सन्‌ १६५४ में सरकार ने इस जगह एक आहर बाँधने की योजना स्वीकार की । पहाड़ी से थोड़ी दूर हटकर उस तलहदी में एक बाँध बाँधा गया । इस पर काम करने कुल लागत करीब ३५४०० रुपये हुई । पास में बहनेवाले एक छोटे नाले पर बाँध डालकेर उसका पानी भी इस आहर में ले आया गया । इससे पानी का संचय और बढ़ गया। इस नाले को बाँधने की खर्च करीब ६५० रुपये हुआ । तालाब वनने के वाद भी और ताले का पानी उसमें ते श्राने के वाद भी सिनाई के लिए काफी सुविधा गाँव में नहो पायी) तव गाँववालों ने सोचा कि पास में जो छोटी नदी बह रही है, उसी पर यदि बाँध ढाला जाय और जरू- र्तमर पानी तालाब में लेकर बाकी पानी वापस नदी में छोड़ दिया जाय, ती सचाई की समस्या काफी हद तक सुलभः सेमी । क्षेत्रीय अधिकारियों ने इस योजना के लिए विशेष उत्साह में दिखाया । तो भी শান के उत्साह को देखते हुए. कार्यकर्ताओं ने गाँव के सामूहिक श्रम के भरोसे पर हो नदी पर बीच डालने कौ योजना मंजूर कर ली । गाँव-समा का प्रस्ताव किया गया और दो वर्ष लगातार गाँव के हर परिवार ने इस काम के लिए मदान्‌ लिया । सन्‌ १६६० और १६६५ में वध के लिए मिट्टी




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