यजुर्वेद शतकम | Yajurvaveda Shatkam
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
972 KB
कुल पष्ठ :
105
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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गहरियों के कर्तव्य
प्रधासिनों हवामहे मदतइच रिशादस ।
परस्मेश सजोपत ॥ ३॥ ४४ ४
पदापं --टम लोग (बरम्भेण) प्रविचान्पी
दुख होने से प्रलग होवे' (सजोपस ) वारवार प्रीति
से सेवन करने (र्श्ादस ) दोप था दत्रुप्रों को न?
कनै (प्रधासिन ) पदे हए पदार्थों बे भोजन वरने
यते प्रतियि लोग ग्रौर (मरुत ) यज्ञ करने वाले
ह विद्वान् लोगो वी (हवामहे) सत्वारपूर्वव' नित्यप्रति
॥ बुलाते रहे।
मावायं स्यो प उचित है हि वेद्यव, झूर-
$ बीना और यज्ञ को सिद्ध करने वाले मनुप्यों को
है बुला करं उनकी यथावत् सत्वार पूर्वक सेवा बरके
१ उनसे उत्तम उत्तम दिधा वा पिभाभो गौ निरन्तर
1 शहण करें ।
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