सम्मलेन के नवरत्न | Sammelan Ke Navratna
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18 MB
कुल पष्ठ :
120
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)८
मान लिया था कि बिहारियों की माठ्भाषा हिन्दी नहीं है।
उस आन्दोलन में वे सफल हुए थे। सन् १६२० के बाद राष्ट्र-
भाषा आन्दोलन का दूसरा चरण आरस्म हुआ । यह आन्दोलन
बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के माध्यम से आरम्भ हुआ |
बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के इतिहास के प्रत्येक प्रष्ठ पर
हिन्दी के संवष की कहानी अंकित है । यह् कहानी उतनी ही रोचक
है जितनी भारतीय स्वतन्त्रता की कहानी । हिन्दी के इस संघष
में हमारे कितने पृवज खप गए तप गए और हम ऐसे हैं कि
उनकी स्मृति को भी अपने मानस पटल से हटाते जा रहे हैं।
हमारे इतिहास के पंडित उन्हें मिट्टी के नीचे गाड़ते जा रहे हैं। `
आज जब हम बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ३१ वाँ अधि-
वेशन दुमका में कर रहें हैं , तब हमारा कर्तव्य हो जाता है कि...
उन महान् आत्माओं क प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करें ।
हम बिहार प्रादेशिक हिन्दी साहित्य सम्मेलन के इस ऐतिहासिक
अधिवेशन के अवसर पर उनके प्रति स्वृति-तपंण करते हैं।
बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने हिन्दी-भाषा एवं. ;
.. साहित्य तथा देवनागरी-लिपि के सर्वाङ्गीण विकास ओर प्रसार
कै लिषए एक व्यापक कार्यक्रम निर्धारित किया , जिसमें निम्न-
... लिखित काय विशेष रूप से उल्लेखनीय हैंः---
है (१) देश-विदेश के समस्त प्रयोजनों के लिए हिन्दी भाषा
ओर देवनागरी लिपि का उपयोग
२) हिन्दी-भाषा और देवनागरी-लिपि को अधिकाधिक
सुगम, सुबोध एवं सुन्दर बनाने के लिए उनके अभावों की
User Reviews
No Reviews | Add Yours...