राजस्थानी सबद कोस भाग 2 | Rajasthani Sabad Kos Bhag 2

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Rajasthani Sabad Kos Bhag 2  by गोस्वामी तुलसीदास - Gosvami Tulaseedas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कण প্রান্ধীত 55 জহুও धनेक०, अमेका ७० ভাণও অলহল झ०्भा० झ्‌०रू० अल्प ० अहपा० ध० वचनिका उप० उमण्लि० ॐ०र० छ०्का० एका० ऐन्ज॑०्का०्स० कण्कु वो० फण्च ७० कम ०वा०, कर्म ०वा०रू० হও का०्दे०प्र० किण कि० চাও क्षिण्प्र० किण्प्रे লিওনি किण्व घर०वचव ० प्र ० क्षे्र गर्मो० पी०रा० गुर संकेताक्षरों का विवरण ४ पूर्ण रूप झग्नेजी অথ क्कर्भ क ভাক্ষক্ক रूप अनुकरण अनेकार्थ कोश पन्न भमरत सपार वधान माला धकर्मक रूप अहपार्थ रूप अचल दास खीची री वचनिका अव्यय इबरानी उदाहरण उपसर्ग उभर्याछगि उक्ति रत्माएर ऊपर काव्य एकाक्षरी नाम माला एतिहासिक जन काष्य सग्रह कविकुल बोध करणी चरित्र कमं वाच्यरूप कटावच দ্যান ই সবল क्रिया क्रिया अकमंक प्रिया प्रयोग क्रिषा प्रेरणार्थेक क्रिया विशेषण क्रिया सकर्मक पयचित्‌ प्रयोग क्षेत्रीय प्रयोग गज भोख गीत रामायण गजी रचियता णनताम धी उदयराम बारदट (गृगा) थी महाराजा प्रतापतिह (जयपुर) श्री उदयराम बारहट (ग्ूगा) सिवदाघप्त माडण श्री ऊमरदान लालस श्री घीरभाण रतनू, घी उदपराम वारदट (गूंगा) सपादक-अगर्चद जी नाहटा श्री उदयर्रामि वारहटः ठा० किश्लोर्विह बाहें€पत्प श्री पद्यनाम हरसूर दाश्हठ धी ममृनलाल मायु (कुषेय निवासी)




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