पवित्र जीवन | Pavitra Jeevan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पत्रित्र जीवन १७ की केवल ७०० मुक्ाबिले के लिए रह गए । शनि के दिन युद्र हुआ मुसलमानों की जीत हुई परन्तु इन के घारियों की एक टोली ने जो एक दरें पर नियत थे आशा मंग की और शत्रुओं के पीछे दोड़ गए । खालद ने दो सो अधारोहियों सहित मुसलमानों पर पीछे से हल्ला किया आर दोड़ती हुई क्राफ़िरों की सेना सामने मुक्ाबिसे पर आ गई । मुसलमान दोनों ओर से घिर गए । हजूर ने इनको आवाज़ देकर एकत्रित किया. क्राफ़रों ने आप पर ज़ोर से आक्रमण किया । आप घायल हो गए और गिर पढ़े परन्तु मुसलमानों ने इकटठ होकर हजूर के आास- पाम घेरा डाल लिया । क्राफ़िर इस घेरे रूपी दीवार की तोड़ने का निष्फल प्रयत्न करके अन्त में पीछे हट गए शोर युद्र-भूमि को छोड़ कर मकके को चले गए । अगले दिन हज़र ने इनका पीछा किया । बच्यर मऊनी की घटना- सफ़र ४ हिजरी।-- सकर ४ दिजरी में एक आदमी अब्यूबरा ने हजूर से बिनती की कि अपने प्रचारकों को मेरे साथ भेजो मेरी जाति मुसलमान होना चाहती है । आप ने ७० कारी पाठी भेजे जिनको धोखा देकर मऊनीके स्थान पर कत्ल कर दिया गया |




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