प्रतीक द्वैमासिक साहित्य संकलन | Pratik Dwaimasik Sahitya Sankalan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
760
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)एल दानियेल्
रेडियो और आमोफोन
रेडियो श्रौर आ्रामोपोन रेकार्डों परे लिए बद्भुत थोड़े उुमय में संगीत प्रदर्शन कला
आवश्यक होता है। और यह एक नयौ मोग हे जिसके लिए भाखीय सगीतश तैयार
नहीं ये ।
गाने बजाने का श्र नद लेने जे लिए ग्रावोत्ोन रेका तते बलम श्रौर जनिय
साधन गिद्ध हुए हैं। रेडियो से भी अधिक सख्या में आरमोपोन रैसार्डो वो लोग सुनते
हैं। पर उनवे लिए. सगोत परिवेशन को श्रौर भी सक्तित करना अनिवार्य होता दे | सगी
तश वो ३२ से लेरर ५. मिनट के अ्दर ही वह श्रसर पैदा बरना पड़ता दे णो तु
ताधीर पैदा करे और जिसे लोग चास्वार सुनना पसन्द करें। कुछ साख तरद फौ गाने
बजाने की चीमें ही इस माँग वो पूरी कर ८फ्ती हैं, जैस--गजलें, भशन, कुछ सुपर,
या टैगीर के से अत्याधुनिक गीत | यत सगीत वो भी यह माँग पूरी करनी पड़ती है पर
अभी इसको धफ्लता नहीं मिल सड़ी है। कलावार नितात असफल रूप से ग्रालाप की
कुच्च तानें, कुछ भाले और तारपरन आदि वो श्रस्वव्यप्त रूप से हे सकर गागर म
खागर भरने की चेश करता है| यो छिद्धात रूप से मार्ग यत्र धगीव को कु पिशेष
ताश्रों फो एक खास दग से रेका क्यया जाना खम है। मुख्य श्रावश्यर्ता यद्द है
कि बाने का क्रम टौऊ रकखा जाय और पद्धति के अनुसार वायशैली का जो काम जिसके
बाद आना चाहिये, उसी कम के अनुखर चजे को पिमाजित करके रेकार्डिंग वी जाय |
फसी ध्यति में ग्राहार एक स्तन चीज होगी, प्रा इ प्रकार क्रम से जोह, मगल
ठक भाला श्रौर ताए श्रादि यावय । फिर खाली तरला (तमरल्ला खोलो) बड़ा शक
পক হি देगा 1 অহ ভরা ঈ আাষ কহা जा सुक्ताहे कि থাউ ৯ হব হক গান দী
अलग अलग स्पष्ट कर पजाने से कताकार को राग की शुद्धता वी रद्दा करने और दिलचसी
बढाने में रुहूलियत होगी । इस विधि से एक पूण राग तीन या चार रैखाडों (दोनों
ओर ) में सफलता के साथ बजेगा ओर राग वी पूरी कैफ्यत एक इद् तक दिखायी जा
सपेगी | दर एक रेकर्ड एक पूरे राग वी सीरीच पी तौर पर रहेगा ।
रेडियो श्रोप्राम में उदनो जल्दबाजी नहीं करनी पढ़ती, इसमें कलाकार को अपना
दूर पीशल दियाने का अवछर मिलता है। निश्वय ही रेडियो का इस कृवश् होना
चाहिये कि धर येंठे देश के अठ गुणियों का कया सोशल और सगौत-लद्दरी सुनने यो
मिल ज्ञाती है রি यदि कलाकरगण प्रत्वेज प्रोग्राम के लिए पाख दौर से रेयाज करके
आयें ता और भी सहूजियत होगी 1
एक छोटे प्रोग्राम वो रुफ्ल यनाने के लिए गीतय अच्छी तबीयतदारी, तालीम
और সর दे योर्वा कवन होती हैं। कलाकार को ইহা
अपनी तैयारी की हृद पर पहुँच व्यना और तयीयत को पूरे रग में ला देना पड़ता है ।
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