भगवान गौतम बुद्ध | Bhawan Goutam Buddh

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : भगवान गौतम बुद्ध - Bhawan Goutam Buddh

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about भदन्त बोधानन्द - Bhadant Bodhanand

Add Infomation AboutBhadant Bodhanand

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
भगवान्‌ गौतम चुद्ध ७ जल-वायु श्रौर उपजाऊ जमीन को देखकर ये लोग स्थायी रूप से यहीं बसने लग गये | थ्रव इन लोगों ने चौपाये चराने का अरस्थिर प्यवसाय छोड़कर खेती करना श्आारम्भ किया | इस व्यवसाय फे कारण ये लोग स्थायी रूप से मकान बना बना कर रहने लगे | धीरे धीरे इन मकानों के भी समुदाय बनने लगे श्रौर वे ग्राम रुशा से सम्बोधित किये जाने लगे। इस प्रकार स्थायी रूप से जम जाने पर प्रकृति के नियमानुसार इन लोगों के विचारों में परिवर्तन होने लगा। इघर उघर फिरते रहने की श्रवस्था में इनके हृदयों में स्थल विशेष के प्रति अभिमान उत्पन्न नहीं हुआ था | पर अ्रव एक स्थत्ञ पर स्थायी रूप से जम जाने के कारण उनके मनोभार्वों में स्थानामिमान का सचार होने लगा | इसके अतिरिक्त यहाँ के मूलनिवासियों को इन लोगों ने अपना गुलाम बना लिया था और स कारण उनके हृदय में स्वामित्व और दासत्व, भ्रे प्ठत्व और हीनत्व की भावनाश्रों का सचार होने लग गया । उनके तत्काज्ञीन साहित्य में विजित औ्रौर विजेता की तथा आये व अनाये की भावनायें स्पष्ट रूप से दष्टिगोचर होती हैं। ये भावनायें यहीं पर समाप्त न हुई | श्रमिमान स्वभावत किसी भी चिद्र से जहा कहीं भी घुसता है वर्ह फिर वह अपना विस्तार बहुत कर लेता है। श्रार्यों के मनमें केवल अनार्यो के दी प्रति ऐसे मनोविकार उत्पन्न हो कर नहीं रद गये प्रत्युत आगे जा कर उनके हृदयो मे आपस में भी ये भावनाएँ दृष्टिगोचर होने लगीं | क्योंकि इन लोगों में भी सव लोग समान व्यवसाई तो ये नहीं सब मिन्न-मिन्न व्यवसाय के करने वाले थे। कोई खेती करता था, कोई व्यवसाय करता था कोई मजदूरी करता था तो कोई अध्ययन-अध्यापन का कार्य करके 0 जीवन निर्वाह करता था। कोई कम परिश्रम पूर्ण कर्म करता था कोई कठिन परिश्रम पूर्ण, पर, कम आय वाले कार्य करते ये | भ कथित उत्कृष्ट-व्यवसायी लोग इतरच्यवसाद्यो से घृणा करते थे फल इसका यह हुआ कि समाज में एक प्रकार की विश्वखलता उन्न ह्यो गई | इस विश्शखक्षता का यह परिणाम हुआ कि ७




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now