भारत के प्राचीन राजवंश | Bharart Ke Prachin Rajwansh

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Bharart Ke Prachin Rajwansh  by साहित्याचार्य पंडित विश्वेश्वरनाथ रेऊ-saahityaacharya pandit vishveshvarnaath reu

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भारतके प्राचीन राजवंश । টিলা সী भारतवषे । কর্শা সি इस देशका यह नामकरण भरतके नाम पर हुआ है। भागवतमें लिखों हैः--- ४ येषां खलु मद्ायोगी भरतो ज्येष्ठः श्रेष्तुण आसीत । येनेद यर्ष भारतमिति व्यपद्शिन्ति ॥ ९ ॥ ৮ अर्थात्‌--भगवान्‌. ऋषमदेवके बड़े पुत्रका नाम भरत था। इससे इस देशको भारत कहते हँ । निम्नलिखित छोकसे मी इसी बातकी पुष्टि होती हैः- ““ हिमाहं दक्षिणं वं मरताय ददौ पिता । অহলাহ্ম मार्रं वषं तस्य नाला महात्मनः ॥ 1? अथीत्‌--हिमार्यके दक्षिणका प्रदेश पिताने भरतको दे दिया और इसीसे इसका नाम भारतवर्ष हुआ। (१ ) श्रीमद्धांगवत, श्कन्ध ५, अध्याय ४ । (२) शन्दकर्पइुम, काम्ड तृतीय, ६० ५०१ ।




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